गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा के नाक में दम करने वाले हार्दिक पटेल, लगता है भाजपा के पीछे हाथ धोकर पड़ गये है, कुछ ऐसे संकेत दिए हैं हार्दिक पटेल ने कि , अब राजस्थान और मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे.
गुजरात विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि गुजरात में बीजेपी का गुरूर तोड़ने पर उन्हें गर्व है. साथ ही उन्होंने 2019 तक आराम न करने की बात कही. पेश है टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए हार्दिक पटेल के इंटरव्यू के मुख्य अंश-
सवाल- आप गुजरात चुनाव परिणाम को किस तरह देखते हैं?
जवाब- मैं संतुष्ट हूं कि मेरे कठिन परिश्रम की वजह से जो कांग्रेस पिछले 25 साल से एक कमजोर विपक्ष की भूमिका में थी उसे अब मजबूती मिलेगी. यह मेरे लिए गर्व की बात है कि जिस पार्टी ने गुजरात ने 150 सीटें जीतने का दावा किया था, मैं उसका घमंड तोड़ने में कामयाब हुआ.
सवाल- गुजरात के ग्रामीण इलाकों में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है लेकिन शहरी इलाकों में आपके प्रचार के बावजूद बीजेपी को जीत मिली है. कहां चूक रह गई?
जवाब- अधिकांश ग्रामीण इलाकों में विशेष रूप से सौराष्ट्र में बीजेपी का सफाया हो गया है. शहर में भी बीजेपी की जीत का अंतर कम हुआ है. यह दिखाता है कि हमारे आंदोलन ने उन्हें कितनी चोट पहुंचाई है लेकिन अभी हमारी तरफ से और अधिक प्रयास की जरूरत है. मैं यह बात पुख्ता यकीन से कह सकता हूं कि बीजेपी ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ कर 10 से 12 सीटें जीती हैं। अगर बीजेपी को इतना यकीन है तो वीवीपीएटी की गणना को अनुमति दी जानी चाहिए.
सवाल- मतदान की शाम को आपने 18 सीटों पर ईवीएम छेड़छाड़ की संभावना जताई थी लेकिन उनमें से राधनपुर सहित कई सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की.
जवाब- मैंने सूरत, राजकोट के कई सीटों का जिक्र किया था और विशेष रूप से दभोई व दाहोद की सीटें. मेरी चेतावनी के बाद ईवीएम टेम्परिंग बड़ी कुशलतापूर्वक किया गया और इसे 99 सीटों तक सीमित कर दिया गया. नहीं तो ईवीएम के साथ हेराफेरी करके वे 125 सीटें तक जीत सकते थे.
सवाल- अगर आप ईवीएम के साथ छेड़छाड़ को लेकर इतने आश्वस्त थे तो आपके पास चुनाव आयोग जाने का भी विकल्प था.
जवाब- मैं जल्द ही हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करूंगा. मैंने चुनाव आयोग का रुख नहीं किया क्योंकि वह मुझे व्यर्थ लगा और अब आयोग भी विश्वसनीय नहीं रहा. इस वजह से ही मैंने सभी राजनीतिक पार्टियों से इसके खिलाफ एक साथ आने का आग्रह किया और 2019 लोकसभा चुनाव ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से कराये जाने की मांग उठाने की गुजारिश की.
सवाल- राजस्थान और मध्यप्रदेश में अगले साल चुनाव है, आपकी क्या योजना है ?
जवाब- मैं दोनों राज्यों में बीजेपी के खिलाफ आंदोलन करूंगा और बीजेपी की गरीब विरोधी योजनाओं का खुलासा करूंगा. मैं 2019 लोकसभा चुनाव तक आराम नहीं करने वाला हूं.
सवाल- 2017 का चुनाव जाति बनाम विकास पर लड़ा गया लेकिन विकास ने बीजेपी को 99 सीटें दिलाईं. क्या मानते हैं आप?
जवाब- बीजेपी के पूरे चुनावी मुद्दों में विकास तो था ही नहीं, बल्कि पीएम मोदी सांप्रदायिक भावनाएं छेड़ने के लिए खिलजी, औरंगजेब और पाकिस्तान को भाषणों में लाते रहे. गांवों में रहने वाली जनसंख्या ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया क्योंकि उनकी जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान है लेकिन ध्रुवीकरण ने शहरी इलाकों में काम कर दिया.
सवाल- आंदोलनकारी अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी अब विधायक बन चुके हैं. क्या वे आपको बीजेपी के खिलाफ सपोर्ट करेंगे?
जवाब- हम तीनों लगातार संपर्क में हैं और कोटा, बेरोजगारी, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और बाकी मुद्दों पर साथ लड़ेंगे. हम किसानों और बेरोजगार युवाओं की दुर्दशा को उजागर करने के लिए राष्ट्रीय आंदोलन की योजना बना रहे हैं.
सवाल- लेकिन हाल ही में आपने कहा था कि कुछ मौकापरस्त ओबीसी नेताओं ने ओबीसी कोटे के लिए पाटीदारों की मांग का विरोध किया था. क्या आपका निशाना अल्पेश की तरफ था?
जवाब- मेरा निशाना ओबीसी कोटे के लिए पाटीदारों की मांग का विरोध कर रहे सभी ओबीसी नेताओं की तरफ खा. इसका अल्पेश से कोई मतलब नहीं था.
सवाल- वह क्या है जो हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश को साथ में लाता है? आप दोनों में से किसे ज्यादा विश्वसनीय मानते हैं?
जवाब- हम तीनों ही आम आदमी की परेशानियों के लिए लड़ रहे हैं। मैं जिग्नेश पर ज्यादा भरोसा करता हूं, मुझे उनका लीडरशिप स्टाइल पसंद है.
सवाल- पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आपको बुलाया? क्या चल रहा है?
जवाब- एक चुनावों के मद्देनजर एक सौजन्य कॉल थी. मेरे कई मुख्यमंत्रियों से व्यक्तिगत और राजनीतिक संबंध हैं. इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं.
सवाल- कई व्यक्तिगत हमलों के बीच आपके सेक्स टेप भी वायरल हुए. क्या इन्होंने आपको नुकसान पहुंचाया?
जवाब- लोग परिपक्व हैं और पर्याप्त रूप से जानते हैं कि इस तरह की रणनीति को चुनाव राजनीति को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
सवाल- आपने भी पीएम मोदी पर कई व्यक्तिगत हमले किए. एक कांग्रेस नेता ने उनके लिए ‘नीच’ शब्द का प्रयोग किया. क्या इससे कांग्रेस और आपको नुकसान हुआ ?
जवाब- यह एक मिथक है कि इस तरह के बयान ने पीएम मोदी लिए सहानुभूति पैदा की. जिस तरह पीएम मोदी के अपने फॉलोवर्स हैं मेरे भी समर्थक हैं. व्यक्तिगत टिप्पणी चुनावों में असर नहीं डालतीं.
सवाल- राहुल गांधी अब कांग्रेस अध्यक्ष हैं. आप उनके नेतृत्व को कैसे देखते हैं ?
जवाब- राहुल गांधी ने एक ऐसे नेता के रूप में खुद में गंभीर बदलाव किए हैं जो भरोसेमंद है और झूठ नहीं बोलता. आने वाले वर्षों में लोग उन्हें स्वीकार करेंगे।
सवाल- 2019 में किसे पीएम के रूप में देखते हैं? मोदी या राहुल गांधी?
जवाब- मोदी के अलावा कोई भी.
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