यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में चुनाव किस तारीख को होंगे इसकी घोषणा चुनाव आयोग (election commission) ने शनिवार को कर दी है। इसके बाद से ही इन पांचों राज्यों में आचार संहिता लागू हो गयी है। अब राज्यों में राजनीतिक दलों के पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स के साथ साथ नेताओ के पुतले भी हटने शुरू हो गए हैं।अगर अब कोई पार्टी जनसभा या रैली करती है तो वो वर्चुअल माध्यम से ही कि जाएगी, जो कि चुनाव आयोग के सख्त निर्देश हैं।
लेकिन यहां बात अचार संहिता की या चुनाव आयोग के दिशा निर्देश की नहीं हो रही है। यहां बात हो रही है BSP सुप्रीमो मायावती की। जिन्होंने अब तक ज़मीनी स्तर पर उतर कर जनता का मिजाज भी नहीं समझा है। हालांकि, चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद रविवार (9 जनवरी) को BSP की मीटिंग की गई। जिसमें उम्मीदवारों के सिलेक्शन पर बात हुई।
उत्तर प्रदेश के लोगो को विकास पर वोट देना चाहिए :
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, BSP सुप्रीमो मायावती (mayavati) ने रविवार को उम्मीदवारों के सिलेक्शन को लेकर मीटिंग की। हालांकि, किस सीट से किस उम्मीदवार को उतारा जाएगा इसकी अभी कोई जानकारी नहीं है। मायावती ने ANI से कहा की, “उत्तर प्रदेश के लोगो को विकास पर वोट देना चाहिए। सभी राज्यों में मतदान शांति के साथ हो। उन्होंने कहा, की पुलिस को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा की, BSP चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के मुताबिक ही काम करेगी।”
Lucknow, UP | All States poll must be held peacefully. Police admin must work without bias. People of Uttar Pradesh should vote for development. Our party will follow all guidelines of EC. I will chair a meeting today regarding final selection of candidates: BSP chief Mayawati pic.twitter.com/Iigc6Kj4kR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 9, 2022
इससे पहले शनिवार को तारीखों के एलान के बाद मायावती ने एक के बाद एक दो ट्वीट करते हुए कहा, ” पांचों राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा तिथि की घोषणा का स्वागत करते हैं। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आयोग इन चुनावों को निष्पक्ष, स्वतंत्र, सुचारू और शांतिपूर्ण करने की अपनी ज़िम्मेदारी को जनाकांक्षा के अनुरूप पूरी मुस्तैदी के साथ निभाएगा।”
अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, ” चुनाव लोकतंत्र का त्यौहार है जिसके लिए गरीब, मेहनतकश, मजदूर लोग अति उत्साहित रहते हैं। उनकी भावना व अधिकारों की विशेषकर वोटिंग वाले दिन हर प्रकार से रक्षा ज़रूर हो। नागरिकों के मताधिकार की रक्षा उनके मूलभूत अधिकार की तरह संविधान की मंशा के अनुरूप हो तो बेहतर।”
भाजपा ने मायावती को एजेंसियों का डर दिखा रखा है :
यूपी में चुनावी बिगुल बज चुके है। राजनीति पार्टियों की रैलियां, रॉड शो और जनसभा होते हुए तीन महीने से ज़्यादा का समय बीत चुका है। ऐसे में अभी तक किसी रैली के माध्यम से न मायावती सामने आई हैं और न ही पूरी तरह BSP ने कोई रैली या जनसभा की है। हां, BSP की तरफ़ से जुलाई 2021 महीने में एक आद ब्राह्मण सम्मेलन ज़रूर किये गए थे। इसी पर 30 दिसम्बर को मुरादाबाद की एक रैली में गृह मंत्री अमित शाह (home minister amit shah) ने मायावती पर निशान साधते हुए कहा था की, ‘चुनाव जीतना बबुआ के बस की बात नहीं है। और बुआ जी तो ठंड के कारण अभी तक बाहर ही नहीं निकल पाई हैं।’
विकास बबुआ के बस की बात नहीं है और बुआ जी तो अभी तक ठंड के कारण बाहर ही नहीं निकल पाई हैं।
— Amit Shah (@AmitShah) December 30, 2021
अरे बहनजी चुनाव के मैदान में आ जाइए बाद में मत कहना प्रचार नहीं करने दिया…
ये बुआ, बबुआ और बहन तीनों मिलकर एकसाथ भी आ जाएं तो भी भाजपा कार्यकर्ताओं से नहीं जीत सकते हैं। pic.twitter.com/CmFSR5Fq9X
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक टीवी इंटरव्यू में UP के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से सवाल किया गया, ” मायावती कहाँ है? कहीं भाजपा ने उन्हें एजेंसियों का डर दिखाकर घर में तो नहीं बैठा दिया? इसका जवाब देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, की ये काम हमारा नहीं है। ये काम कांग्रेस, सपा और बसपा का है। हमारा काम जनता की सेवा करना है और हम प्रधानमंत्री के “सबका साथ सबका विकास” के मंत्र को लेकर चलते हैं। जो कोरोना काल में नज़र आया है।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (deputy CM keshav prasad mourya) ने आगे कहा, ‘राजनीति के माध्यम से भी हमारा काम जनता की सेवा करना है। हम हमेशा जनता के बीच रहें, उनके सुख दुख में साथ रहें। हम जनता से कभी दूर नहीं रहें, जो जनता से दूर रहा, जनता ने उन्हें खुद से दूर कर दिया।’