प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब सत्ता में आये थे तो उन्होंने खुद को देश का चौकीदार कहा था. साथ ही उन्होंने खुदको प्रधानमंत्री कहने से मना करते हुए “प्रधानसेवक’ शब्द का उपयोग किया था. आये दिन अपने भाषणों में खुदके लिए और विरोधियों के लिए अलग-अलग शब्दों का उपयोग पीएम मोदी ने एक अलग पहचान बनाई है.
उनके द्वारा उपयोग किये जाने वाले शब्दों के कारण वो विरोधियों के निशाने पर भी आते रहते हैं. जैसे कि जब मेहुल चौकसी और नीरव मोदी भारतीय बैंकों से क़र्ज़ लेकर देश से भाग गए तो लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का मज़ाक बनाते हुए कहा था कि “चौकीदार मोदी सोते रहे और पैसा लेकर चौकसी और नीरव मोदी भाग गए”.
हाल ही में पीएम मोदी ने राहुल गांधी को शहज़ादा की जगह श्रीमान नामदार कहकर संबोधित करना शुरू किया तो राहुल गांधी ने पीएम मोदी को उद्योगपतियों का भागीदार बताते हुए हमला बोला था. शब्दों के इस खेल में दोनों एक दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते.
फ़िलहाल नरेंद्र मोदी समाजवादी पार्टी प्रवक्ता जूही सिंह के निशाने पर हैं, सपा प्रवक्ता ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है- “चौकीदार,कामदार,नामदार, ठेकेदार ,भागीदार कर्जदार, सभी शब्द सुन लिए , जिम्मेदार शब्द कब सुनेंगे इसका अभी है इंतज़ार”
चौकीदार,कामदार,नामदार, ठेकेदार ,भागीदार कर्जदार, सभी शब्द सुन लिए , जिम्मेदार शब्द कब सुनेंगे इसका अभी है इंतज़ार
— Juhie Singh (@juhiesingh) July 30, 2018
जूही सिंह के इस ट्वीट के बाद बहुत से ट्वीट आये, पीएम मोदी के समर्थन और विरोध में आये ट्वीट कुछ इस प्रकार थे
https://twitter.com/macchim123/status/1023910234388029441
@PilotSuryasen @anil100y @SharadYadavMP एनकाउंटर वाली सरकार का अंधेर देखिए गुंडों को भी मालूम है कि इनकाउंटर किसका होता है @yadavakhilesh pic.twitter.com/48TBtu3nmL
— YY HINDUSTANI (@23YADVENDRA) July 30, 2018
मुख्यमंत्री आवास से चंद कदमों की दूरी पर दिन दहाड़े हत्या और लूट सरकार के डूबते इकबाल की कहानी कह रही है। योगीजी केवल कानून व्यवस्था पर गाल बजा रहे हैं जबकि दूर-दराज की तो बात छोड़ दीजिए, राजधानी लखनऊ ही चंबल में तब्दील हो गई है!
— MRS KRISHNA SINGH (@krishnasinghspa) July 30, 2018
https://twitter.com/its_abshk/status/1023905662953091073
https://twitter.com/sachendraPBH/status/1023927788066066434
अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाई इसका जिम्मेदार कौन था
— Akshay S Saxena 🕉️ (@akahay_saxena) July 30, 2018
देश में कुछ भी हो जाए पर “जुमलेबाज नेता” और “जुमलेबाज अधिकारी” ख़ुद की ज़िम्मेदरी ख़ुद ही कभी भी भूल कर भी नहि लेंगे,
नैतिकता बेच बेशर्मी ख़रीद कर जो कुर्सी पाई है इन लोगों ने,
इनको सिर्फ़ दूसरों के काम का सरकारी ख़र्च में श्रेय लेना और जनता के पैसों से विदेश घूमना ही आता है,— Surendra Tiwari (@surendr67399408) July 30, 2018