बलात्कार के मामलों में मध्यप्रदेश देश में नंबर एक पर आता है, अर्थात देश का ह्रदय कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में बलात्कारियों को किसी का डर नहीं था. पर अब उन्हें डरना होगा, क्योंकि मध्यप्रदेश सरकार ने बलात्कारियों के लिए मौत की सजा का बिल कैबिनेट से पास कर दिया है. ज्ञात होकि यह सज़ा उन आरोपियों के लिए होगी, जो 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के बलात्कार के दोषी पाए जायेंगे. यहीं नहीं, किसी भी प्रकार के गैंगरेप में लिप्त दोषियों को भी फांसी की सज़ा का प्रावधान रखा गया है.
मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री जयंत मलैया के अनुसार –
सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में रविवार को कैबिनेट की मीटिंग हुई. इस मीटिंग में 12 साल या इससे कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप करने वाले अपराधियों को फांसी की सजा देने की सिफारिश वाले प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. साथ ही किसी भी उम्र की महिला के साथ गैंगरेप के दोषियों को भी फांसी की सजा का प्रस्ताव पास किया गया. हम सोमवार को यह संशोधन विधेयक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश करेंगे.
बता दें कि पिछले महीने राजधानी में कोचिंग से लौट रही एक स्टूडेंट के साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया था. इसके बाद राज्य में काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे.
सज़ा के तौर पर एक लाख का जुर्माना भी देना होगा. दंड विधि (मध्य प्रदेश अमेंडमेंट बिल) 2017 में बदलाव करते हुए धारा-376ए में ए-डी को भी जोड़ा गया है. इस बदलाव को रविवार को कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी दे दी गई. नए बिल में कहा गया है कि रेप या गैंगरेप के दोषियों पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा. शादी का झांसा देकर संबंध बनाना भी अपराध माना जाएगा और इसके लिए सजा दी जाएगी. चर्चा के दौरान पुलिस अफसरों ने फांसी की सजा को ज्यादा सख्त बताया तो शिवराज ने कहा- हत्या के दोषियों को भी फांसी की सजा का प्रोविजन है, लेकिन कितनों को फांसी हो गई? रेप के मामलों में नरमी से काम नहीं बनेगा. फांसी का प्रोविजन जरूरी है. इसके बाद सभी इस पर सहमत हो गए.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ दिनों पहले 19 साल की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद कहा था कि बलात्कार के दोषियों को फांसी की सज़ा देनी चाहिये और वो कानून बनाकर विधेयक को मंजूरी के लिए भारत सरकार को भेजेंगे.