आज शुक्रवार (20 नवम्बर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ मंदिर पहुंचे, प्रधानमंत्री के केदारनाथ धाम के इस दौरे को हिमाचल और गुजरात चुनाव में धार्मिक वोटर्स को लुभाने की प्रक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है, कि गुजरात में 20 साल के शासन के बाद बन रही एंटीइन्कंबेसी और हिमाचल में कांग्रेस के द्वारा उम्मीदवार घोषित किये जाने के बाद से ही पहली बार भारतीय जनता पार्टी दोनों राज्यों में बैकफुट पर नज़र आ रही है.
कहा जाता है, कि इसी का नतीजा था, कि गुजरात में सभी भाजपा शाषित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को प्रचार के लिए उतार दिया गया है. योगी आदित्यनाथका रोड शो भी गुजरात के हिंदू वोटर्स को लुभाने के लिए किया गया था. ऐसा बताया जाता है, कि गुजरात का पटेल वोटर इस बार किसी समझौते के मूंड में नहीं है. अब भाजपा के पास सिर्फ एक ही तरीका बचा है, कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करके हिंदू वोटर्स को लुभाया जाए, जोकि भाजपा का पुराना तरीका रहा है.
केदारनाथ मंदिर में दर्शन के बाद वह वर्ष 2013 की प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हुई आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि की जीर्णोद्वार परियोजना का शिलान्यास करेंगे.
प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले केदरनाथ धाम में तैयारियां पूरी कर ली गईं थीं. मोदी की यात्रा से पहले केदारनाथ धाम एसपीजी के हवाले कर दिया गया था.डीएम, एसपी समेत जिले के तीन सौ से अधिक अधिकारी व कर्मचारी ड्यूटी के लिए केदारनाथ पहुंच चुके हैं. केदारनाथ मंदिर को 10 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है. बुधवार को एसपीजी के आईजी एमपी गुप्ता ने केदारनाथ में सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया था, साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे.
दीवाली के बाद इस मंदिर के दरवाज़े छह महीनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में एक माना जाता है.साल 2013 में आई बाढ़ और भूस्खलन ने केदारनाथ में व्यापक तबाही मचाई थी. इस आपदा में सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी. पीएम मोदी यहां एक नई ‘केदारपुरी’ की नींव भी रखेंगे.
मोदी केदारनाथ पहुंचते ही मंदिर परिसर को जीरो जोन कर दिया गया था. तीर्थयात्रियों को दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी. उनके जाने के बाद ही आमजन मंदिर में दर्शन कर सकेंगे. उनके साथ उत्तराखंड राज्यपाल केके पॉल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट व अन्य भाजपा नेता व विधायक भी मौजूद रहे.
पद पर रहते हुए केदारनाथ के दर्शन करने वाले मोदी देश के तीसरे प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले इंदिरा गांधी और वीपी सिंह प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए यहां आ चुके हैं.