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महज़ चुनाव जीतने के लिए नफ़रत की बात करना अशोभनीय है

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वाह रे रिपब्लिक टीवी! पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं से क्यों मिला, पाक में तैनात रहे मणिशंकर अय्यर के घर क्यों मिला, अय्यर ने इस मुलाक़ात के बाद नीच आदमी वाला जुमला क्यों कसा। पाकिस्तान यहाँ आया मणि से यह कहलवाने के लिए?
और भाजपा के केंद्रीय मंत्री तक (वित्तमंत्री और क़ानून मंत्री शामिल) अपने अर्णब के इस जलेबी-मार्का ‘एक्सपोजे’ पर फ़िदा हैं! बयान-दर-बयान आ रहे हैं, लाए जा रहे हैं! ठीक भी है। लव के लिए वह कुछ भी करेगा; हारी बाज़ी जीतने के लिए हम कुछ भी करेगा।
दो रोज़ पहले मैंने लिखा था कि मणिशंकर अय्यर के घर पाक प्रतिनिधिमंडल की मेज़बानी के रिपब्लिक टीवी के “रहस्योद्घाटन” का भाजपा हारी बाज़ी जीतने के लिए अब गुजरात में इस्तेमाल करेगी।
और कल ख़ुद प्रधानमंत्री मोदी ने सरहदी इलाक़े बनासकांठा में चुनाव प्रचार करते हुए अय्यर के घर कसूरी और अन्य पाकिस्तानी मेहमानों के लिए हुए उस भोज को लपक लिया; उन्होंने भी कहा कि पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल का गुजरात चुनाव के वक़्त कांग्रेस नेताओं से मिलना, अगले रोज़ अय्यर का उन्हें नीच आदमी कहकर गुजरात के पिछड़े समाज का अपमान करना क्या उस भोज-बैठक का नतीजा नहीं है? उन्होंने यह भी कहा कि अय्यर पाकिस्तान  क्या मेरी सुपारी देने गए थे?
मोदी ने भोज के बहाने पाकिस्तान को ही चुनाव और गुजराती अस्मिता के दायरे में इतना ही नहीं खींचा है। उन्हें अहमद पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने का षड्यंत्र भी पाकिस्तान में रचा जाता दिखाई दिया है।
ज़ाहिर है, मतदाताओं को मोदी हमारे चुनाव में पाकिस्तान के कथित दख़ल और एक मुसलमान को सीमांत प्रदेश गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने की कथित पाकिस्तानी साज़िश की बात खड़ी कर घृणा और सांप्रदायिकता का नया खेल खेल रहे हैं। विकास को वे पहले ही भुला चुके। उसकी जगह चुनाव में अचानक हिंदुत्व ने ले ली थी। हिंदुत्व के इस जंग लगे कारतूस के विफल रहने पर फिर वही पाकिस्तान और मुसलमान के हौव्वे का इस्तेमाल भाजपा करने लगी है।
महज़ चुनाव जीतने के प्रधानमंत्री के पद से भारत-पाक द्वेष और हिंदू-मुसलिम घृणा की बात करना अशोभनीय है। पता नहीं कि इन हल्की हरकतों को लोग कितना भाव देते होंगे। चुनाव के नतीजे बताएँगे।

यह लेख लेखक की फ़ेसबुक वाल से संकलित किया गया है
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