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मैं अब भी कहता हूं पीएम मोदी को रिटायर हो जाना चाहिए: जिग्नेश मेवानी

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गुजरात में विधानसभा चुनावों में जीते नये नवेले विधायक जिग्नेश मेवाणी अपने पहले ही तमाम न्यूज़ चैनलों को दिए साक्षत्कार में आरोपों की झड़ी लगा दी.
चुनाव में जिस तरह से पाटीदार आंदोलन, ओबीसी के मुद्दों ने अहम भूमिका निभाई, उसने भाजपा को प्रदेश में काफी हद तक नुकसान पहुंचाया. ओबीसी नेता जिग्नेश मेवाणी ने वडगांव से चुनाव जीतने के बाद तमाम न्यूज चैनल को दिए अपने साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बोरिंग नेता बताया है. यही नहीं पीएम मोदी की बुजुर्ग नेता बताते हुए मेवाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री को अब अपनी हड्डियां गलाने के लिए पहाड़ पर चले जाना चाहिए.
जिग्नेश ने  आगे कहा कि,  देश का युवा मोदी जी से पक गया है. देश का युवा अब एक फ्रेश चेहरा चाह रहा है. जिग्नेश ने यह भी कहा कि पीएम मोदी को देश के युवाओं से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने देश के युवाओं से रोजगार का वादा किया था लेकिन पूरा नहीं किया.
जिग्नेश ने कहा कि भाजपा  का आरोप है कि मैं आतंकी संगठन से पैसे ले रहा हूं. हां मैंने एसडीपीआई से 51 हजार का चेक लिया है. जिग्नेश ने कहा कि अगर यह आतंकी संगठन है तो 56 इंच का सीना कहां है, इस संगठन को बैन क्यों नहीं किया गया.
मेवाणी से जब पूछा गया कि क्या आप 2019 में भी पीएम मोदी को चुनौती देंगे तो उन्होंने कहा कि 18 फीसदी दलित आबादी भाजपा के खिलाफ वोट करेगी. उन्होंने कहा कि दलित वोट बिल्कुल भी नहीं बंटा है, दलितों ने भाजपा के समर्थन में वोट नहीं किया है, उनका गुस्सा एक बार फिर से 2019 में भाजपा के खिलाफ दिखेगा. उना की घटना पर जिग्नेश ने कहा कि दलित इस घटना को कभी नहीं भूलेंगे.
गुजरात में कांग्रेस की हार के बाद भी मेवाणी ने इस नैतिक जीत करार देते हुए कहा कि सच ये है कि भाजपा की जीत का नंबर अब दहाई के आंकडे़ पर पहुंच गया है, दावा किया जा रहा था कि पार्टी 150 सीटें जीतेगी, लेकिन उसे 99 सीट ही मिली, यह हमारे लिए नैतिक जीत है.
ज्ञात रहे  है कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी को लगातार छठी बार जीत मिली और भाजपा को यहां 182 में से 99 सीटों पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस के खाते में यहां 80 सीटें आई. जबकि हिमाचल प्रदेश में भाजपा को 68 में से 44 सीटों पर जीत मिली और कांग्रेस सिर्फ 22 सीटों पर समिट गई. इस जीत के साथ ही कांग्रेस देश में अब सिर्फ चार राज्यों तक सिमट कर रह गई है, कांग्रेस की अब कुल चार राज्यों में ही सरकार है.
 

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