देशभर में दलित एवं आदिवासियों के गुस्से के बाद केंद्र सरकार बैकफ़ुट पर आती नज़र आ रही है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किये गए SC/ST एट्रोसिटी एक्ट में बदलावों के विरोध में दलित एवं आदिवासी समुदाय का गुस्सा चरम पर है.
सरकार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से जारी पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतेज़ार कर रही है. उन्होंने कहा कि चूंकि पुनर्विचार याचिका पर तुरंत फैसला आने की संभावना नहीं है और हो सकता है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में नहीं आए, इसलिए सरकार पहले से मसौदा तैयार करने में जुट गई है.
सरकार एससी/एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए एक अध्यादेश का मसौदा तैयार कर रही है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि कानून मंत्रालय इस मसौदे पर काम कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सही से तर्क ना देने के कारण सरकार आलोचना का शिकार हो रही है. लेकिन कर्नाटक चुनावों में इसका बीजेपी को नुकसान ना हो इसी कारण अब सतर्कता बरती जा रही है. वहीं मानसून सेशन में सरकार इस पर नया बिल भी पेश कर सकती है.
सूत्रों ने कहा कि मौलिक प्रावधानों को बहाल करने के लिए अध्यादेश लाने से लोगों का आक्रोश कम करने में मदद मिल सकती है.
ज्ञात होकि 2 अप्रैल को देशभर में दलित एवं आदिवासी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC/ST एट्रोसिटी एक्ट में किये गए बदलावों के विरोध में भारत बंद और प्रदर्शन किये थे. जिसके बाद से ही केंद्र सरकार पर भारी दबाव है.