महाराष्ट्र में मॉनसून का भारी कहर जारी, सैकड़ों लोगों की गई जान

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देश भर में मॉनसून का समय चल रहा है। दिल्ली, यूपी, बिहार, गुजरात, बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, सहित कई राज्यों में मॉनसून ने दस्तक दे दी है। बीतें दिनों दिल्ली में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात देखने को मिले। बिहार में तो बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। यहां तक कि पटना के कई सरकारी दफ्तरों तक में पानी घुस गया।

इसी बीच अरब सागर से सटे महाराष्ट्र में मॉनसून ने भारी कहर बरसाई है। बीते एक हफ्ते में मॉनसून के कारण पूरे राज्य में 110 से अधिक लोगों की जान गई है और 100 लोग लापता है।

महाराष्ट्र का हाल बेहाल

इस साल मॉनसून में महाराष्ट्र राज्य को विशेष नुकसान झेलना पड़ रहा है। पगभग 113 लोगों की जान ले चुका और 100 लोगों को लापता कर चुके मॉनसून की भारी बारिश, वज्रपात और भूस्खलन ने कई हजार लोगों को बेघर भी किया है।

15 जुलाई को ही मौसम विभाग द्वारा अनुमानित, राज्य में लगभग 200 एमएम तक बारिश होनी थी। इसके कारण राज्य के 5 जिलें रेड अलर्ट पर हैं। मुंबई, नवी मुंबई, कोंकण, रायगढ़, सहित कई जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन ने कहर बरसाया है।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक रायगढ़ में 52, रत्नागिरी में 21, सतारा में 13, ठाणे में 12, कोल्हापुर में 7, उपनगरीय मुंबई में 4 और सिंधुदुर्ग और पुणे में 2 – 2 लोगों की मौत हुई है। कोल्हापुर, सांगली, सतारा और पुणे के कुल 875 गांव मॉनसून से बुरी तरह प्रभावित हुए है।

उद्धव ठाकरे ने लिया संज्ञान

महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में चिपलुन का दौरा किया। चिपलुन भूस्खलन और भारी बारिश से काफी ज्यादा प्रभावित हुआ है। वहां लगभग 10 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवाई है और 50 से अधिक लोग भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं।

ठाकरे ने दौरा करने के बाद अपने बयान में कहा कि, “तात्कालिक राहत के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास करेगी। मगर दीर्घकालिक राहत कार्यों के लिए केंद्रीय सहायता की जरूरत है।”

चिपलुन में वशिष्ठी नदी पर बना एक पुल पहले भी कई बार भारी बारिश के कारण प्रभावित हो चुका है। ऐसे में सिर्फ दौरा करना काफी नहीं है। दौरा भी तभी किया गया जब वहां के स्थानीय लोगों ने ठाकरे के गुजरते काफिले को रोका और अपनी खस्ता हालत को बयां किया।