गैरमुस्लिमों के लिए अहमदाबाद की इस मस्जिद ने खोले द्वार

Share

अहमदाबाद के रखियाल क्षेत्र की “उमर बिन खत्ताब मस्जिद” में 27 जनवरी 2019 को एक अनोखा आयोजन किया गया. यह आयोजन न सिर्फ़ गुजरात बल्कि देश में पहली बार आयोजित किया गया था. इस आयोजन का विषय था “आओ, मस्जिद की मुलाकात लें”. प्रोग्राम के आयोजकों ने मस्जिद के बाहर बोर्ड लगाकर गैर मुस्लिमों को मस्जिद में आमंत्रित किया था. जिसमें बड़ी तादाद में हिंदू धर्म व अन्य धर्मों के मानने वालों ने मस्जिद का दौरा किया.
Image may contain: 3 people, people standing
आयोजकों ने इस प्रोग्राम का मक़सद ये बताया कि जो लोग मुस्लिम नहीं हैं, वो ये जान सकें कि मस्जिद के अंदर क्या होता है ? साथ ही इस्लाम और मुस्लिमों के सम्बन्ध में पैदा गलतफहमियों का निवारण किया जा सके. ज्ञात होकी कई यूरोपीय देशों में पहले ऐसे आयोजन होते रहे हैं. इस्लामोफोबिया से ग्रस्त भारतीय जनमानस के लिए ऐसे आयोजनों की दरकार कई दिनों से महसूस की जा रही थी.
Image may contain: one or more people and people standing
मस्जिद का दौरा करने वाले गैर मुस्लिमों का खजूर व अन्य तोहफ़े देकर स्वागत किया गया. मस्जिद में आने वाले हिंदू व अन्य धर्म के विज़िटर्स को नमाज का मकसद, पांच वक्त की नमाज़, जुमे (शुक्रवार) की नमाज़, दोनों ईद की नमाज़, जनाज़े की नमाज़, तहज्जुद की नमाज़, हज वगैरह आदि इस्लामिक इबादतों के बारे में जानकारी दी गई. उन्हें मस्जिद के अंदर बने हुए मेहराब और मिम्बर बताये गये.
Image may contain: 4 people, people standing
आयोजकों में से एक इस्लामिक ओरेटर मोईनुद्दीन इब्ने नसरुल्लाह ने अपनी फ़ेसबुक वाल पर बताया कि मस्जिद में आने वाले गैर मुस्लिमों ने वज़ू करते और नमाज पढते मुसलमानों को देखा और बाद में नमाज़ में कया पढा जाता है? दुआ कैसे होती है? उस के बारे में आयोजकों से सवाल पूछे. कुछ गैर मुस्लिमों ने यह जानना भी चाहा कि मुसलमान क़ाबे की ओर रुख कर के नमाज क्यों पढ़ते हैं?
Image may contain: 3 people, people standing
आगंतुकों ने मस्जिद की दीवारों पर लगे इस्लामिक एग्ज़ीबीशन को देखा और इस्लाम के बारे में सवाल पूछे, जिस के सम्बन्ध में कार्यक्रम के आयोजकों के द्वारा जवाब दिये गये. मुलाक़ात करने वालों ने इमाम साहब से मुलाकात करके खुशी का इज़हार किया.

आनेवाले बहुत से गैर मुस्लिमों ने इस प्रोग्राम पर प्रसन्नता व्यक्त की. कुछ लोगों ने कहा कि – “हमारी बहुत सालों से तमन्ना थी की कभी मस्जिद का दौरा करें,, जो आज पूरी हुई”. अंत में मस्जिद में आने वाले हर मेहमान को शीरखुरमा पिलाया गया. इस पोग्राम के रिपोर्टिंग के लिये बडी तादाद में मीडियाकर्मियों ने भी हिस्सा लिया. कुछ पत्रकारों ने भी रिपोर्टिंग के अलावा अलग से इस्लाम के बारे में अपने प्रश्नों को रखकर जानकारी हासिल की.

Exit mobile version