देश के भोले भाले अन्नदाता कों हर कोई लूटना चाहता है चाहे, वो सरकार हो या मंडिया सभी सिर्फ अपना मुनाफा कमाना चाहते है ऐसा ही एक मामला उजागर हुआ है मध्य प्रदेश में. मध्य प्रदेश के जबलपुर मण्डी में मटर उत्पादक किसानों के साथ वर्षों से चली आ रही लूट थमने का नाम नहीं ले रही है. सब जानते हुए भी मजबूर किसान ठगी का शिकार हो रहे हैं. प्रदेश की प्रमुख मण्डी जबलपुर में आढ़तिए किसानों से 5 प्रतिशत कमीशन वसूल रहे हैं तो पैकार उनसे फ्री बारदाना के साथ दो किलो से अधिक मटर की वसूली कर रहे हैं. किसान संघों ने कई बार मामले में आवाज भी उठाई लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ.
क्या है पुरा मामला समझे
सोमवार को जबलपुर मण्डी में पाटन का किसान राजेश यादव मण्डी में मटर बेचने आया. उसने पप्पू बाड़ा की आढ़त में माल उतारा. व्यापारी और आढ़त के बीच 2300 रुपए क्विंटल में सौदा हो गया. इस दाम पर माल बेचना है या नहीं किसान की सहमति ही नहीं ली गई.
सहमति के बिना आढ़तिए द्वारा मटर बेचने के विरोध में किसान राजेश यादव भड़क गया. उसने मण्डी में मटर के बारों पर खड़े होकर उपस्थित किसानों को एकत्र किया और जोरदार तरीके से विरोध किया. थोड़ी देर तो मामला गंभीर हो गया. यहां तक गालीगलौज तक की स्थिति बन गई.
- जबलपुर और शहपुरा मण्डी में हरी सब्जियों की बिक्री आज भी आढ़त प्रथा से होती है.
- आढ़तिए किसानों से माल पर 5 प्रतिशत और खरीददार व्यापारियों से 2 प्रतिशत कमीशन लेते हैं.
- हरी सब्जियों पर बारदाना किसान का होता है। कुल वजन से बारदाना का वजन घटा दिया जाता है. इसके अलावा दो किलो माल अतिरिक्त लिया जाता है.
- यही स्थिति मटर में भी है। मटर का बारदाना अन्य सब्जियों की तुलना में अधिक कीमत का होता है.
- जबलपुर मण्डी में अभी मटर की कीमत 28 से 30 रुपए प्रति किलो है। लगभग 30 रुपए का खाली बारदाना आता है. इस पर दो किलो से अधिक मटर फ्री लिया जाता है.
- यदि बोरे में मटर का कुल वजन 70 किलो से अधिक है तो उस पर तीन किलो मटर फ्री लिया जाता है.
- किसान यदि मण्डी में 18 सौ रुपए का एक बोरा मटर बेचता है तो उसे लगभग 200 रुपए का चूना लगता है इसे इस प्रकार समझा जा सकता है.
- एक बोरा मटर का औसत वजन 60 किलो होता है.
- वर्तमान दरों पर इसकी कुल कीमत कीमत लगभग 1800 रुपए होती है.
- किसान से 5 प्रतिशत अर्थात 90 रुपए बतौर कमीशन आढ़तिया लेता है.
- खाली बारदाना की कीमत लगभग 30 रुपए होती है. खरीददार द्वारा इसकी कीमत किसान को नहीं लौटाई जाती.
- 60 किलो या इससे कम वजन के बोरा पर खरीददार द्वारा दो किलो मटर फ्री लिया जाता है. इसकी कीमत 60 रुपए होती है.
- खरीददार व्यापारी बोरा को बीच से चीरकर सेंपल देखता है। वह अपनी मर्जी के मुताबिक एक नहीं कितने भी बोरों को चीर सकता है. जितने भी बोरे चीरे जाते हैं उनसे मटर का नुकसान होता है.
- इस प्रकार किसान को एक बोरा मटर में लगभग 200 रुपए का नुकसान होता है.