अमेरिका की एक फर्म ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ पर लगभग 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी चुराने के आरोप लगे हैं. इस जानकारी को कथित तौर पर साल 2016 चुनाव के दौरान ट्रंप को जिताने में सहयोग और विरोधी की छवि खराब करने के लिए इस्तेमाल किया गया है.
एएनआई के मुताबिक, इस मामले में ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ ने अपने चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) अलेक्जेंडर निक्स को निलंबित कर दिया है. इससे पहले फेसबुक ने भी ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में जीत में कथित मदद करने के आरोप में ‘कैम्ब्रिज ऐनलिटिकल’ को निलंबित कर दिया था.
बता दें कि कैंब्रिज एनालिटिका एक निजी कंपनी है, जो डाटा माइनिंग और डाटा एनालिसिस का काम करती है.ब्रिटेन के लंदन की ये कंपनी चुनावी रणनीति तैयार करने में राजनीतिक पार्टियों की मदद करती है. कंपनी से जुड़े एक कर्मचारी क्रिस्टोफर ने नैतिकता को आधार बनाते हुए ये जानकारी सार्वजनिक की थी कि उनकी फर्म ने चुनावों को प्रभावित करने और ट्रंप को फायदा पहुंचाने के लिए फेसबुक के उपभोक्ताओं के डाटा का इस्तेमाल किया था.
ब्रिटेन के अखबार गार्जियन द्वारा किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कैम्ब्रिज एनालिटिका के गंदे खेल का खुलासा हुआ है. कंपनी ने 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा को अवैध तरीके से हासिल किया और इनकी मदद से डोनाल्ड ट्रंप को जिताने के लिए काम किया. हालांकि कंपनी इस आरोप से इनकार कर रही है.
अधिकारियों के मुताबिक कंपनी ने अमेरिका के अलावा भारत, नाइजीरिया, केन्या, चेक रिपब्लिक और अर्जेंटीना जैसे दुनिया के कई देशों के 200 से ज्यादा चुनावों के लिए काम किया है. इस बीच फेसबुक ने मामले की जांच शुरू की है और कैम्ब्रिज एनालिटिका को अपने प्लेटफॉर्म पर आने से फिलहाल रोक दिया है.
मामले के सामने आते ही अमेरिका और यूरोपीय सांसदों ने फेसबुक इंक से जवाब मांगा और जुकरबर्ग को उनके सामने पेश होने के लिए कहा है. इसके चलते फेसबुक के शेयर 7% टूट गए हैं.शेयर की कीमत घटने की वजह से फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्क को एक दिन में 6.06 अरब डॉलर (करीब 395 अरब रुपये) का झटका लगा है. हालाँकि फेसबुक के वैश्विक स्तर पर चौथी तिमाही में उपभोक्ताओं की संख्या 14 फीसदी बढ़ी है, लेकिन अमेरिका और कनाडा में स्थिति अच्छी नहीं है.यहां चौथी तिमाही के अंदर सिर्फ तीन महीने में एक करोड़ उपभोक्ताओं की संख्या घटी है.
गौरतलब है की फेसबुक की ओर से पहले बताया गया था कि साल 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले उसके प्लेटफॉर्म का प्रचार-प्रसार करने वाले रूसी लोगों ने किस तरह उसका इस्तेमाल किया था. लेकिन अब जुकरबर्ग के सवालों के घेरे में आने के बाद इस सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर सख्त रेग्युलेशन का दबाव बन सकता है. वहीं व्हाट्स एप के को-फाउंडर का कहना है कि ये समय फेसबुक अकांउट डिलीट करने का है. बता दें कि फेसबुक ने व्हाट्सएप का टेक-ओवर किया था.
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