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क्या प्रणब मुखर्जी के बहाने संघ के निशाने में है बंगाल ?

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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आरएसएस के एक प्रोग्राम में शामिल होने वाले हैं, जहाँ पर वो अपना संबोधन भी देंगे. प्रणब मुखर्जी के इस क़दम से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर चालु हो गया है. उनके इस क़दम पर कहीं आलोचना तो कहीं समर्थन दिखाई दे रहा है.
प्रणब मुखर्जी 7 जून को आरएसएस मुख्यालय में संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. यह कार्यक्रम नागपुर में होगा. मुखर्जी के इस फैसले से अधिकतर कांग्रेस नेता आश्चर्य में हैं. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी इस वक्त विदेश में हैं, जिस कारण उनकी इस मामले पर टिप्पणी सामने नहीं आई है. लेकिन कांग्रेस के कई नेताओं ने इस पर अपनी राय दी है.

क्या मुखर्जी के बहाने संघ के निशाने में है बंगाल ?

किसी समय प्रणब मुखर्जी ने ही संघ को देश के लिए खतरा बताया था. पर ऐसा लगता है जैसे अब प्रणब मुखर्जी को अपने प्रोग्राम में बुलाकर संघ बंगाल में प्रणब की धुर विरोधी रही ममता के लिए कोई जाल बुन रहा है. जिससे बंगाल की जनता को कोई मैसेज दिया जाये और बंगाल में भाजपा को मज़बूती मिले.

मुखर्जी ने की थी संघ के टेरर लिंक की बात

इंडियन एक्सप्रेस अखबार से कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘मुखर्जी ने कांग्रेस के 2010 में बुराड़ी में हुए अधिवेशन में यह प्रस्ताव आगे बढ़ाया था कि आरएसएस और उसके आनुषंगिक संगठनों के आतंकियों से संबंध की यूपीए सरकार जांच करे.’

राष्ट्रपति रहते मोहन भागवत के आये करीब

उनके और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कई सालों से अच्छे संबंध हैं. नागपुर के आरएसएस सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद मुखर्जी और भागवत की तकरीबन चार बार मुलाकात हो चुकी है. इससे पहले साल 2015 में जब भाजपा गठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव में हार का सामना किया था तो उसके एक दिन बाद दोनों के बीच मुलाकात हुई थी. इस दौरान भागवत ने मुखर्जी को संघ की कुछ पुस्तकें भी भेंट की थीं.
बीबीसी हिंदी के अनुसार – लगभग पिछले एक दशक से संघ के शिक्षा वर्ग समापन समारोह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर किसी भिन्न मतों वाले व्यक्तित्व को बुलाने की परंपरा रही है. हालांकि विजयादशमी के कार्यक्रम में लंबे अरसे से मुख्य अतिथि बुलाए जाते रहे हैं. इसके अलावा अन्य अवसरों पर भी अलग विचारों वाले नेता, विचारक बुलाए गए हैं.
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया के नेता और दलित नेता दादासाहेब रामकृष्ण सूर्यभान गवई, वामपंथी विचारों वाले कृष्णा अय्यर और कुछ अरसे पहले वरिष्ठ पत्रकार और आप के नेता आशुतोष जैसे नाम इस कड़ी में शामिल हो चुके हैं.

दो दिन नागपुर में रहेंगे प्रणब मुखर्जी

सूत्रों के मुताबिक वह वह नागपुर में दो दिन रहेंगे और 8 जून को वापस लौटेंगे. संघ शिक्षा वर्ग के शिविर के समापन समारोह में मुखर्जी शामिल होंगे. वह इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. इस शिविर में करीब 700 स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शि‍ंदे ने अखबार से कहा, ‘वह एक बुद्ध‍िमान व्यक्ति हैं. वह भारत के राष्ट्रपति रहे हैं. उनकी पंथनिरपेक्ष सोच है. इसलिए ऐसा नहीं लगता कि उनके वहां जाने से उनके व्यवहार में कोई बदलाव आ जाएगा.’

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