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गाँधी के भारत में क्या क्या है, सरदार पटेल के नाम पर

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सरदार पटेल की जयंती के दिन उनके नाम पर खूब राजनीतिक बयानबाजियां हुई. किसी ने उन्हें श्रद्धांजलि दिया तो किसी ने उनके द्वारा लगाए गए आरएसएस पर प्रतिबन्ध और की गई टिपण्णी का ज़िक्र किया. सोशलमीडिया भी सरदार पटेल से समबन्धित पोस्ट्स से भर दी गई. फ़ेसबुक हो या ट्विट्टर सभी जगह सरदार पटेल पर चर्चा होती रही. जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ” सरदार साहब को जानबूछ कर इतिहास में ज़गह नहीं दी गई , उनका नाम इतिहास से मिटाने की कोशिश की गई.”, इस बयान की तरह -तरह से निंदा की गयी.

फ़ेसबुक पर कुछ इस तरह आई टिप्पणियाँ

दीपू नासिर लिखते है-  मप्र का शासन जिस भवन से चलता है उसका नाम वल्लभ भवन है, अभी नहीं शुरु से है..गुजरात विधानसभा का नाम सरदार पटेल विधानसभा भवन है..देश के बड़े पुलिस अफ़सर ( आईपीएस ) जहां प्रशिक्षण लेते हैं हैदराबाद स्थित उस अकादमी का नाम सरदार पटेल के नाम पर है..सूरत की नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी का नाम सरदार पटेल के नाम पर है, गुजरात में सरदार पटेल के नाम पर विश्वविद्यालय हैं,आनंद में वल्लभ विद्यानगर है,मुबंई में नेशनल टेक्नीकल इंस्टीट्यूट है, जोधपुर में पुलिस एवं सिक्युरिटी यूनिवर्सिटी है, गुजरात में उनका मेमोरियल है, म्यूजियम है..देशभर में स्कूल और कॉलेज के नाम सरदार पटेल के नाम पर हैं, सड़कें हैं, पार्क हैं…स्टेडियम और एयरपोर्ट है…और हां, अभी अभी मोदी ने देश केजिस सबसे बड़े बांध का शुभारंभ किया है वो ” सरदार सरोवर ” है..इसका शिलान्यास पंडित नेहरु ने किया था.
लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार साहब को जानबूछ कर इतिहास में ज़गह नहीं दी गई , उनका नाम इतिहास से मिटाने की कोशिश की गई..
इनके ” असत्य ” की कोई सीमा नहीं है.


वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी लिखते हैं –
सरदार पटेल नेहरू के बारे में कितना ऊँचा सोचते थे, नीचे उनका लेख बांचिए। हालाँकि यह बात भी अपनी जगह सही है कि कांग्रेस ने हर शहर, चौराहे, मोड़ पर कुछ-न-कुछ स्मृतिचिह्न मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, कमला नेहरू, विजयलक्ष्मी पंडित, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी आदि के नाम पर खड़ा किया है। बराबर की तवज्जोह आज़ादी के अन्य परवानों, नए भारत के निर्माताओं को नहीं दी गई है। लेकिन सरदार पटेल की उपेक्षा का आरोप सरासर कल्पित है। इसे गढ़ कर मोदी कटुता और भेदभाव की हल्की लकीर ही खींच रहे हैं।

वल्लभभाई पटेल पर पंडित नेहरू के विचार उनकी किताब से




ओम थानवी लिखते हैं – बीकानेर में सरदार पटेल मेडिकल कालेज है। जोधपुर में पुलिस एवं सिक्युरिटी यूनिवर्सिटी है। गुजरात में उनका मेमोरियल है, म्यूजियम है। दिल्ली में सरदार पटेल विद्यालय है। संसद मार्ग पर एक प्रमुख स्थान पटेल चौक है, इसी नाम से मेट्रो स्टेशन है। चाणक्यपुरी के समांतर हवाई अड्डे आने-जाने वाली प्रमुख सड़क का नाम सरदार पटेल मार्ग है। देश भर में अनेक स्कूल और कॉलेज सरदार पटेल के नाम पर हैं, सड़कें हैं, पार्क हैं, स्टेडियम और एयरपोर्ट हैं. और हां, अभी-अभी मोदी ने देश के जिस सबसे बड़े बांध का शुभारंभ किया है वह भी “सरदार सरोवर” है. इसका शिलान्यास पंडित नेहरू ने किया था.
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