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दिल्ली पुलिस बिना इजाज़त कैंपस में घुसी, हम FIR दर्ज कराएंगे – जामिया कुलपति

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दिल्ली की जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हुई कल पुलिस द्वारा छात्रों के साथ की गई हिंसा के मामले में कुलपति नजमा अख्तर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पुलिस के कैंपस में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट करने पर कहा – दिल्ली पुलिस बिना इजाज़त विश्वविद्यालय कैंपस में घुसी थी, पुलिस के इस क़दम के विरोध में यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
उन्होंने कहा, ”कल की घटना दुर्भाग्यपूर्ण, पुलिस बिना पूछे कैंपस के अंदर आयी, पुलिस ने बर्बरता के साथ छात्रों को डराया। पुलिस के बिना परमीशन घुसने पर उन्होंने कहा- विश्वविद्यालय में बिना इजाजत पुलिस की एंट्री बर्दास्त नहीं। पुलिस की कार्रवाई से यूनिवर्सिटी को बहुत नुकसान हुआ है। साथ ही विश्वविद्यालय कैंपस में हुए नुकसान का जिक्र करते हुए उन्होंने सवाल किया – कि इस नुकसान की भरपायी कौन करेगा ? इतना ही नहीं हमें इमोशनल नुकसान भी हुआ, इसका जिम्मेदार कौन?”
जामिया कुलपति ने ये भी कहा कि, ”कैंपस में पुलिस के घुसने की एफआईआर करेंगे। हिंसा की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी करेंगे। साथ ही उन्होंने एक छात्र की मृत्यु की खबर पर कहा – कि स्टूडेंट की मौत की अफवाह भी आ रही है, हम बताना चाहते हैं। कि किसी भी स्टूडेंट की मौत नहीं हुई है। इसके बाद कुलपति नजमा अख्तर ने कहा – जामिया को टारगेट और बदनाम ना करें, यह शांतपूर्ण और आंदोलन से निकली हुई यूनिवर्सिटी है। यहां देश के हर हिस्से आए बच्चे पढ़ते हैं और वो सुरक्षित हैं।”
ज्ञात होकि 15 दिसंबर 2019 की शाम को यूनिवर्सिटी कैंपस में दिल्ली पुलिस घुस गई थी। जिसके बाद छात्रों के साथ मारपीट की गई थी। इस मारपीट में कई छात्र गंभीर रूप से घायल हैं। साथ ही कई छात्र छात्राएं बेहद डरे हुए हैं। इस घटना पर बोलते हुए जमैया कुलपति ने ये भी कहा, कि प्रॉपर्टी हम बना सकते हैं पर बच्चे जिस सिचयूशन से गुजरे हैं उसे ठीक नहीं किया जा सकता ?
इसके बाद उन्होंने कहा, कि इस घटना की हाई लेवल जांच हो, हम इसकी मांग मंत्री जी से करेंगे। क्योंकि बिना इजाज़त के ऐसे पुलिस का यूनिवर्सिटी में आना और उसके बाद प्रॉपर्टी का, और हमारे बच्चों के मेंटल स्टेटस को डेमेज करना, क्या ऐसा अलाऊड है ? और उनके साथ जो एट्रोसिटीज़ हुई हैं अंदर, क्योंकि कैंपस में अंदर लाईब्रेरी में बैठे थे। मैं मेनली लाईब्रेरी कह रही हूँ। लाईब्रेरी के अंदर बैठे बच्चों से मारपीट करना, यह स्वीकार्य नहीं है। इसलिए उसके ऊपर एक रिक्वेस्ट करेंगे और स्ट्रॉंगली रिक्वेस्ट करेंगे, कि इसके ऊपर एक हाई लेवल इन्क्वायरी हो जाए कि देखें किसकी गलती थी। क्या सब यूनिवर्सिटी के लिए ये रूल बन रहा है, कि पुलिस घुस जाएगी ऐसे ही।
उन्होंने कहा- कारण कुछ भी हो, जब बाहर 10 हज़ार लोग भाग रहे हैं। तो आप 10 लोगों के पीछे भागे अंदर। जो बच्चों को ले गए थे, रात को उन्हे छुड़ाया गया है। वो रात को ही छूट गए थे। पूरी रात सारे हमारे ऑफिसर्स काम करते रहे। इसलिए हमारे पास कोई बयान देने के लिए टाईम नहीं था। इतने टाईम तक पहले हम बच्चों को सेफ कर रहे थे। हर बच्चा वापस आ गया अपने हॉस्टल में या अपने पेरेंट्स के साथ गया। साथ ही उन्होंने एक अफवाह के बारे में भी जिक्र करते हुए बताया। कि एक बच्चे की मौत की अफवाह चल रही है, जबकि इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है।

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