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भारत अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की सूची दे, ताकि हम उन्हें वापस बुला सकें – बांग्लादेश

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बांग्लादेश के विदेश मंत्री कह रहे हैं, कि वह भारत में अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशियों की सूची दें ताकि वह उन्हें वापस अपने देश बुला सकें। उन्होंने कहा, हम उन्हें (बांग्लादेश नागरिक) वापस बुला लेंगे, क्योंकि उनके पास अपने देश में घुसने का अधिकार है। लेकिन यहाँ आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि इसी साल जुलाई में भारत में अवैध आप्रवासियो यानी घुसपैठियो के बारे में लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मोदी सरकार ने सदन को बताया है कि – ‘ऐसे आप्रवासियों की संख्या के बारे में कोई पक्का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। ’ यानी आप स्वंय सोचिए कि जिस समस्या को इतना बड़ा बताया जा रहा है, उसको लेकर कोई आधिकारिक आँकड़े भी उपलब्ध नही है।
बांग्लादेश भी अपने यहाँ घुसपैठ की समस्या बता रहा है, ढाका से प्रकाशित बांग्ला दैनिक बांग्लादेश प्रतिदिन ने इसी साल 29 सितंबर को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि बांग्लादेश में 5 लाख बिहारी (हिंदी भाषी) अवैध तरीके से रह रहे हैं। अखबार ने इस बात पर चिंता जताई है, कि बांग्लादेश में अवैध घुसपैठियों की संख्या बढ़ती जा रही है। बांग्लादेश में घुसपैठियो पर उसी भाषा में बात की जा रही है, जैसे आप अपने यहाँ कर रहे हैं।
यह तो हुई अवैध आप्रवासियों की बात, अब वैध आप्रवासियों की बात भी समझ लीजिए……… 2016 ओर 2017 के दो वर्षों के भीतर 87,669 पाकिस्तानियों को सरकार ने विभिन्न श्रेणियों का वीजा जारी किया। और 23 लाख से ज्यादा बांग्लादेशियों को भी सरकार ने वीजा दिए। यह जानकारी सरकार ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी है।
अब यही बांग्लादेशी ओर पाकिस्तानी वीजा की अवधि की समाप्ति के बाद यदि भारत मे रुकते हैं, तो वह अवैध आप्रवासी ही कहलाएंगे चाहे उनका धर्म जो भी हो। मोदी सरकार इन वीजा लेकर के आए अवैध आप्रवासियों को बाहर नही निकाल पा रही है।
पिछले साल एक सांसद ने यह भी पूछा था कि क्या पड़ोसी देशों से आने वाले विदेशी नागरिक वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी अवैध रूप से नहीं रह रहे हैं, इसका पता लगाने की कोई व्यवस्था है? मोदी सरकार के पास इसका कोई जवाब नही था। मोदी सरकार ने सिर्फ इतना बताया है, कि 2018 में भारत सरकार ने सिर्फ 1731 अवैध आप्रवासियों को उनके देशों में वापस भेजा। यानी लाखो लोग वीजा लेकर के आ रहे हैं। वीजा अवधि समाप्त होने के बाद यही बस रहे हैं, उन्हें निकालने की कोई व्यवस्था सरकार ने नही की है। 2018 में पूरे विश्व के 2000 से भी कम आप्रवासियों को आपने डिपोर्ट किया है। उसके बावजूद आपने देश भर में नागरिकता संशोधन क़ानून ओर NRC पर इतना बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है, यह मोदी सरकार की मूर्खता नही है तो ओर क्या है?