हैदराबाद में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया है कि वो किसी पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं कि मैं इस पार्टी में जा रहा हूं या इस पार्टी के साथ काम करने जा रहा हूं, फिलहाल ऐसा कुछ नहीं है.
इस मौके पर प्रशांत किशोर ने कहा कि जब 2014 के बाद उनसे पूछा गया कि उन्होंने बीजेपी का साथ क्यों छोड़ा? क्या नीतीश कुमार ने उन्हें बेहद बड़ी धनराशि का ऑफर दिया था तो इसके जबाव में प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं था. उन्हें संस्थान पसंद आया तो उसके लिए उन्होंने काम किया, इसके पीछे पैसा तो वजह बिलकुल नहीं था. मैं बीजेपी से अलग इसलिए हो गया क्योंकि मैं कुछ कामों को करने के लिए बेहद जल्दी में था लेकिन पीएम मोदी कामों को अलग तरीके से करना चाहते थे. इन्हीं विचारों की भिन्नता के चलते मैंने अलग रास्ता चुना और इसके बाद मुझे नीतीश कुमार से बेहतर और कोई नहीं लगा क्योंकि उनकी भी अपनी एक सोच है जो मेरी सोच से मिलती थी.
उन्होंने 2017 के यूपी चुनाव को लेकर भी बात की और कहा कि राहुल गांधी के साथ उन्होंने कांग्रेस का भी साथ दिया लेकिन यूपी चुनाव में रणनीति काम नहीं आई, ये काम का एक हिस्सा है.
प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी के उपयुक्त उम्मीदवार होने या न होने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा – कि इसका फैसला देश की जनता करेगी और अगर उसका भरोसा और प्यार राहुल गांधी को मिला तो वो उपयु्क्त उम्मीदवार हो सकते हैं. प्रियंका गांधी के पीएम पद के लिए उपयुक्त होने के सवाल पर भी उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस के लोगों का फैसला होना चाहिए. वो सार्वजनिक जीवन में नहीं हैं और लोगों को अपनी सोच उन पर थोपनी नहीं चाहिए.