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कैम्ब्रिज एनालिटिका लिंक – कांग्रेस ने कहा, यह भाजपा की फ़ेक न्यूज़ फैक्ट्री का एक और झूठ है

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ब्रिटेन के चैनल 4 के खुलासे के बाद अमेरिका सहित पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी कैम्ब्रिज एनालिटिका के नाम पर भारत में भी चर्चा शुरू ही गई जब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया के सामने आकर कहा कि – आगामी 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस कैम्ब्रिज एनालिटिका की सेवाएँ ले रही है.
इन आरोपों के लगने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस कर इन सभी आरोपों से इंकार किया. तथा भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा – कि यह भाजपा की फ़ेक न्यूज़ फैक्ट्री से निकला एक और झूठ है.
कांग्रेस ने कहा कि इस कंपनी का बीजेपी से ही रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ”कैम्ब्रिज एनेलिटिका की भारतीय साझेदार ओबलेन बिजनेस इंटेलीजेंस कंपनी बीजेपी के सहयोगी सांसद के सहयोगी का बेटा चलाता है. 2009 में राजनाथ सिंह ने इस कंपनी की सेवाएं लीं.”
कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी पर आरोप है कि फेसबुक पर एक ऐप चला कर करीब 5 करोड़ लोगों का डेटा चुराया. इस डेटा का इस्तेमाल 2016 में अमेरिका राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव जिताने के लिए किया गया.
कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह फर्जी एजेंडा है और केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की ओर से सफेद झूठ बोला जा रहा है. सुरजेवाला ने आगे कहा- “बीजेपी की फेक न्यूज़ बनाने वाली फैक्ट्री ने आज एक और फेक प्रोडक्ट बनाए हैं. इसमें गलत बयान, फेक प्रेस कॉन्फ्रेंस और फेक एजेंडा भाजपा का चरित्र बन चुका है.
ज्ञात होकि ब्रिटेन के चैनल 4 ने कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी के बड़े अधिकारियों का स्टिंग ऑपरेशन किया है. यह कंपनी दुनिया भर के राजनीतिक दलों के लिए चुनाव के वक्त सोशल मीडिया पर कैंपन चलाती है. स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि अपने राजनीतिक दल को जिताने के लिए ये हर गलत हथकंडे का इस्तेमाल करती है.
इस स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि आप फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया पर जो समय बिताते हैं, जो बाते लिखते हैं उनका इस्तेमाल कर कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी एक विशेष राजनीतिक पार्टी जो उनकी क्लाइंट होती है उसे फायदा पहुंचाती है.
सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार प्रेस, भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी का पूरा समर्थन करती है. साथ ही वह सोशल मीडिया पर विचारों के आदान प्रदान के पक्ष में भी है. संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में प्रसाद ने कहा कि फेसबुक सहित कोई भी सोशल मीडिया साइट यदि अवांछित तरीके से देश की चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास करती है, तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जरूरत होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’’

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