गुजरात में विधानसभा के प्रथम चरण वोटिंग का समय अब घंटो में गिना जा सकता है और सभी दल अपने दल बल के साथ चुनावी प्रचार के अभियान में जुटे हुए है. और इस चुनावी दौर में भाजपा के पसंदीदा मामला या यू कहे की भाजपा मुख्य मुद्दा कहे जाने वाला अयोध्या का राम मंदिर का मद्दा, जिसकी चर्चा भाजपा करती ही रहती है हर चुनाव में.
आज इसी को लेकर भाजपा के नेता GVL नरसिम्हा राव ने एक ट्विट किया जिसमे उन्होंने राहुल गाँधी और उनके परिवार पर जमकर तंज कसा और लिखा कि, “ अयोध्या में राम मंदिर का विरोध करने के लिए राहुल गांधी ने ओवैसिस, जिलानिस से हाथ मिला लिया है। राहुल गांधी निश्चित रूप से एक “बाबर भक्त” और “खिलजी के रिश्तेदार” हैं। बाबर ने राम मंदिर को नष्ट कर दिया और खिलजी ने सोमनाथ को लूट लिया। नेहरू वंश दोनों इस्लामी आक्रमणकारियों के पक्ष मे!”
अयोध्या में राम मंदिर का विरोध करने के लिए राहुल गांधी ने ओवैसिस, जिलानिस से हाथ मिला लिया है। राहुल गांधी निश्चित रूप से एक "बाबर भक्त" और "खिलजी के रिश्तेदार" हैं। बाबर ने राम मंदिर को नष्ट कर दिया और खिलजी ने सोमनाथ को लूट लिया।नेहरू वंश दोनों इस्लामी आक्रमणकारियों के पक्ष मे!
— GVL Narasimha Rao (@GVLNRAO) December 6, 2017
इसी ट्विट पर मिडिया जगत के जाने माने पत्रकार अभिसार शर्मा ने भी चुटकी लेते हुए लिखा कि, “तेल लगा लो डाबर का… नाम “जप” लो बाबर का…. ग्रेट गोइंग GVL Sir”
तेल लगा लो डाबर का… नाम "जप" लो बाबर का…. ग्रेट गोइंग GVL Sir👍 https://t.co/FR1EYVoP9g
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) December 6, 2017
इसके पूर्व में भी भाजपा नेताओं की बिगड़ती जुबां पर अभिसार शर्मा ने ट्वीट कर अफ़सोस ज़ाहिर किया, उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के द्वारा एक रैली पर दिए बयान पर ट्वीट करते हुए कहा कि – “गर्व” होता है के एक पार्टी के अध्यक्ष की ऐसी “शालीन” भाषा है. विपक्ष को कसाब बोल चुके हैं और रिकॉर्ड कायम करेंगे
"गर्व" होता है के एक पार्टी के अध्यक्ष की ऐसी "शालीन" भाषा है. विपक्ष को कसाब बोल चुके हैं और रिकॉर्ड कायम करेंगे https://t.co/3w8mlpSG6S
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) December 1, 2017
अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को नमूना बताया. भाषा की शालीनता? खैर, कहा के हम ने बोलने वाला प्रधानमंत्री दिया. गलत अमित जी! अपनी शर्तों पे बोलने वाला प्रधानमंत्री. सिर्फ मन की बात. कोई जवाबदेही नहीं!
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) December 1, 2017
दरअसल भाजपा नेता हर उस तरह की कोशिश को अंजाम दे रहे हैं,जिससे गुजरात चुनाव में सांप्रदायिकता का ज़हर घोला जा सके, और क्योंकि फ़िलहाल आये सर्वे यह बता रहे हैं, कि गुजरात में भाजपा की स्थिति बेहद कमज़ोर है. माना जा रहा था, कि गुजरात चुनाव को भाजपा ने अपनी नाक का सवाल बना लिया है.