उत्तर प्रदेश में भाजपा बड़े बड़े चुनावी वादों के साथ सता में तो आ गई पर अब वो चुनावी वादों को भूल कर कही ओर ही भटकती दिख रही है. इसको लेकर विपक्ष भी लगातार उन पर आरोप लगा रहा है.
अब बात करते है भाजपा के चुनावी वादे की. भाजपा ने विधान सभा चुनाव में वादा किया था कि सरकार बनी तो प्राथमिक स्कूलों के छात्रों को नये यूनिफार्म, जूते-मोजे और स्वेटर दिये जायेंगे. वादा निभाते हुए योगी सरकार ने किसी तरह यूनिफार्म तो बंटवा दिये लेकिन स्वेटर में मामला फंस गया
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 3 महीने से स्वेटर बांटने की कवायद चल रही है. दो बार टेंडर हुआ लेकिन रेट ज्यादा होने के कारण टेंडर कैंसिल करना पड़ा. योगी सरकार का इरादा था कि 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के जन्मदिन पर बच्चों को स्वेटर बांटा जाये. लेकिन पहले से ही लेट-लतीफ चल रही स्वेटर योजना को निकाय चुनाव ने और धीरे कर दिया. तारीख पर तारीख फेल होते गये और बच्चों का इंतजार बढ़ता जा रहा है.
जिस उत्त्साह के लिए योगी सरकार ने बच्चों को स्वेटर पहनाने की सोची थी, जब उसी स्वेटर सरकार के खिलाफ मुद्दा बनने लगा, तो सरकार ने तुरंत स्वेटर को प्राथमिक स्कूलों के गले मढ़ दिया.
मतलब, जो स्वेटर सरकार तीन महीनें से भी ज्यादा समय में नहीं खरीद पाई अब उसे तय कीमत में खरीदने और बांटने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन कमेटियों को दे दी गयी है.
इसके लिए मंत्रालय ने आदेश जारी किया, कि स्कूल कमेटियां स्वेटर खरीद कर शनिवार से बच्चों में बांटना शुरू करें. इस आदेश के बाद शिक्षकों ने भी हाथ खड़े कर दिये.
स्वेटर को लेकर शिक्षकों का कहना है कि सरकार तीन महीने से टेंडर करा रही है और खुद जिस रेट पर स्वेटर नही खरीद पायी है उसी रेट पर चाहती है कि स्थानीय स्तर पर हम लोग खरीदे, बात भी सही है. इतने कम समय में शिक्षक लोग स्वेटर नही खरीद सकते. क्योंकि सभी जानते है कि कुछ महानगरों को छोड़ जिलों में बच्चों की साइज के स्वेटर एक ही रंग में और लाख की संख्या में मिलना मुश्किल है. स्वेटर के लिए पहले से आर्डर करना पड़ता है.
शिक्षकों के लिए परेशानी क्यों?
सरकार ने स्वेटर की कीमत 200 रुपये तय की है, जबकि कीमत ज्यादा है
- एक ही रंग के स्वेटर लाखों की संख्या में कैसे मिलेंगे
- कम समय में गुणवत्ता की जिम्मेदारी लेना मुश्किल
- एक महीनें में 54 करोड़ बच्चों को बांटनी है
- ऑर्डर देने पर महीने भर में तैयार होगें स्वेटर
- बांटने में कम से कम 15 दिन लगेंगे
शिक्षक संघ का क्या कहना है?
यूपी प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा का कहना है कि, “ये फैसला जल्दबाजी में लिया गया है. जिस प्रक्रिया को एक महीने में पूरा होना था, वो अब शिक्षकों के मत्थे डाल दिया गया है और कहा गया है कि इसे एक-दो दिन में पूरा किया जाए. अभी तो पैसे भी एकाउंट में नहीं आये हैं, ऐसे में हम कैसे स्वेटर बांट दें. इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय लगेगा. इतनी जल्दी कुछ भी संभव नहीं है.”
यूपी सरकार की बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल बच्चों को स्वेटर नहीं मिलने से काफी दुखी हैं, और घोषणा की हैं कि जब तक बच्चों में स्वेटर नहीं बंटेंगे वे भी स्वेटर नहीं पहनेंगी. काश, मंत्री जी ने ऐसा पहले ही सोचा होता, तो ये नौबत ही नहीं आती.
अखिलेश यादव ने कसा तंज
सरकारी स्वेटर से बच्चों को गरमाहट तो नहीं मिल पा रही है, लेकिन इस कड़ाके की ठंड में राजनीति गर्मी तो है ही गयी. स्वेटर पर बवाल शुरू हुआ तो अखिलेश यादव ने तुरंत ट्वीट कर योगी सरकार पर तंज कसा.
उन्होंने ट्वीट किया-‘सरकार बार-बार स्वेटर के टेंडर रद्द कर रही है और स्कूल के बच्चे सरकार की तरफ से दिए जाने वाले स्वेटर का इंतजार. कहीं ऐसा न हो कि इधर बच्चे झूठी उम्मीदों की आग तापते ही रह जाएं और ऊधर टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते-होते मई-जून आ जाए.’
सरकार का पलटवार
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने पलटवार करना जरूरी समझा. अपने ट्वीट में अनुपमा ने कहा-‘पूर्व मुख्यमंत्री को बीड कैंसिल किए जाने और बीड की तारीख बढ़ाने का फर्क भी सामने लाना चाहिए.
‘आपकी सरकार में पांच साल तक बच्चे आग ही ताप रहे थे. हमारे बच्चे जल्द ही स्वेटर पहनेंगे’
बहरहाल, इस कड़ाके की ठंड में प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे सरकारी स्वेटरों की उम्मीद लगाये हुये है. उम्मीद है कि जल्द पूरी होगी.