इस सीट से चुनाव लड़े सकते हैं याक़ूब कुरैशी

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मेरठ ज़िलें की राजनीति में यूँ तो बहुत दिग्गज नाम हैं जिनका नाम हर कोई जानता है लेकिन एक नाम ऐसा भी है जिसे क्षेत्र में जनता का नेता कहा जाता है। वो चुनाव हारे या जीते उसके दरवाजे गरीबों और ज़रूरतमंदों के लिए कभी भी बन्द नहीं रहते हैं। ऐसा मेरठ में रहने वाले लोग अक्सर बताते हैं। मैं बात कर रहा हूँ याक़ूब कुरैशी की जो बार बार जीत के करीब आकर हार जाते हैं।

कौन हैं हाजी याक़ूब?

हाजी याक़ूब कुरैशी मेरठ ज़िलें की राजनीति में एक अहम नाम हैं। जो बीते 25 सालों से खुद और करीब इतने ही पहले से उनके पिता क्षेत्र में जनसेवा का काम करते आ रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में याक़ूब कुरैशी गठबंधन से मेरठ लोकसभा के प्रत्याशी थे। उन्हें 5 लाख 81 हज़ार वोट मिले थे,लेकिन तब भी 4 हज़ार वोटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

इसके अलावा हाजी याक़ूब 2007 में मेरठ शहर विधानसभा से अपनी बनाई हुई पार्टी यूपीयूडीएफ के टिकट पर विधायक चुन कर आये थे तब उन्होंने लक्ष्मीकांत वाजपेयी को चुनाव हराया था। इसके बाद मायावती ने इन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाया था। इसके बाद 2012 में सरधना विधानसभा से रालोद के टिकट पर लड़ कर चुनाव हार गए थे।

अब आने वाले 2022 के विधानसभा चुनावों में भी हाजी याक़ूब फिर से चुनाव लड़ते हुए नज़र आ सकते हैं लेकिन सीट अभी तक फायनल नही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व मंत्री इस बार तीन सीटों पर विचार कर रहे हैं जिसमें मेरठ शहर विधानसभा, किठौर और दक्षिण मेरठ की सीट शामिल है। इनमें से किसी एक सीट से याक़ूब कुरेशी चुनाव लड़ते हुए नज़र आ सकते हैं।

  • क्यों जरूरी है उनके लिए 2022 का चुनाव।

याक़ूब कुरैशी आखरी बार 2007 में चुनाव जीते थे जिसके बाद वो ज़िलें में एक बड़े नेता के तौर पर स्थापित हो गए थे। हालांकि उसके बाद से लेकर अब 2012 सरधना विधानसभा, 2014 मोरादाबाद लोकसभा,2017 मेरठ दक्षिण विधानसभा और 2019 में मेरठ लोकसभा से हाजी याक़ूब लगातार 4 चुनाव हार चुके हैं।

इसलिए इस बार याक़ूब कुरेशी का परिवार बहुत सोच समझ कर आगे की रणनीति पर काम कर रहा है। क्योंकि इस बार उनके और उनके परिवार के लिए जीत बहुत ज़्यादा ज़रूरी हो गई है। क्योंकि हाजी याक़ूब के अलावा उनके बेटे इमरान याक़ूब भी अब राजनीति में हैं इसलिए परिवार को राजनीति में स्थापित करने के लिए जीत काफी अहमियत रखती है।

अब देखते हैं लगातार राजनीति में स्थापित ये परिवार इस बार कौन कौन सी सीट से उम्मीदवार बनता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता से उन्हें जीत का आशीर्वाद मिलता है या फिर से उन्हें हार मिलेगी? ये सब कुछ आने वाला वक़्त और जनता तय करेगी मगर फिलहाल मेरठ की सियासत में अपना वर्चस्व बरकरार रखने के लिए याक़ूब कुरेशी और उनका परिवार जनता के सामने है।