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याददाश्त आने कि ऐसी कहानी आपने फिल्मों में देखी होगी

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मध्यप्रदेश के सिवनी ज़िले में स्थित एक गाँव है गोपालगंज, इस गाँव के रहवासियों ने इन्सानियत की एक अज़ीम मिसाल पेश की है. दरअसल बात कुछ ऐसी है, कि गाँव में पिछले 4 वर्ष से मीना नामकी एक बुज़ुर्ग महिला रह रही थी. जोकि मानसिक रूम ठीक नहीं थी. पिछले एक माह से महिला की मानसिक स्थिति में सुधार हुआ, जिसके बाद वो महिला गांव के लोगों से अच्छी तरह से बातचीत करने लगी. दर असल उसकी याददाश्त दुरुस्त हो गयी थी.

गूगल सर्च की मदद से मिला उसका पता

उसने अपना वास्तविक नाम व गाँव का पता बताना शुरू कर दिया था, तकरीबन 55 साल की इस बुज़ुर्ग महिला ने अपना नाम व पता बताया, तब मीना मंडल के बताये अनुसार गोपालगंज ग्राम के लोगों ने गूगल सर्च में इसलामपुर, पश्चिम बंगाल को ढूँढा. जिसके बाद उस महिला के वास्तविक निवास इस्लामपुर का पता मिला.
गोपालगंज निवासी देवेंद्र साहू जी ने बातचीत में बताया- कि महिला से जब पूछा गया तो उसने पूछने पर बताया कि परिवार में उसके दो बच्चे और भाई हैं. जो कि पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर के इस्लामपुर में रहते हैं. गाँव के ही जागरुक लोगों ने Google  सर्च के माध्यम से पश्चिम बंगाल में इस्लामपुर शहर  को ढूंढ निकाला. जिसके बाद वहां के डीएसपी का नंबर लिया गया एवं WhatsApp के माध्यम से मीणा मंडल की फोटो व वीडियो भेजा गया. देवेंद्र साहू जी गोपालगंज में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं.

जिसके बाद खोजबीन में पता चला कि मीना मंडल वहां से गुमशुदा है, इनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट इस्लामपुर थाने में लिखी गई थी. वहां की स्थानीय पुलिस ने सहयोग करते हुए इसके परिजनों को आज मध्यप्रदेश की सिवनी ज़िले स्थित गाँव गोपालगंज पहुंचाया.

गाजे बाजे के साथ की गई मीना की बिदाई

वहीं गाँव गोपालगंज के निवासी एवं वरिष्ठ नागरिक सुनील मालवी एवं इक़बाल शाह ने बताया कि- गोपालगंज के लोगों ने चंदा करके, इन्हें सामूहिक रूप से करीब 15000 रुपये एवं कुछ कपड़ों की मदद की. ताकि मीना मंडल अपने घर सुरक्षित पहुंच सके.
गाँव के ही सुनील साहू और हार्डवेयर दुकान के संचालक समीर खान ने बताया कि मध्यप्रदेश के सिवनी ज़िले स्थित गोपालगंज से इस्लामपुर जो कि यहां से 2000 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल स्थित मीना मंडल का गाँव है. वहाँ जाने के लिए फूल माला एवं बाजे-गाजे के साथ गांव में जुलूस निकालकर सम्मानपूर्वक ख़ुशी-ख़ुशी विदा किया.

परिजनों से मिलकर मीना मंडल बहुत खुश थी. साथ ही उसके बेटे एवं भतीजे अपनी मां से मिलकर खुश थे. इसके साथ ही आज सांसद आदर्श ग्राम के ग्रामीणों ने अपने आदर्श नागरिक होने का परिचय दिया.

मध्यान भोजन ने दिया मीना का साथ

ज्ञात हो कि महिला इतने दिनों से अपने भोजन के लिए मध्यान भोजन पर निर्भर थी, हमें सुनील मालवी जी ने बताया कि महिला लगभग पिछले तीन वर्षों से गवर्नमेंट मिडिल स्कूल गोपालगंज में भोजन करके अपनी भूख को मिटाने का कार्य करती. जब महिला की याददाश्त वापस आई तो महिला ने स्कूल में मध्यान भोजन बनाने वाले कर्मचारीयों के काम में हाथ बंटाना शुरू कर दिया था. जाते समय महिला ने स्कूल प्रबंधन एवं मध्यान्ह भोजन प्रबंधन करने वाले सभी लोगों एवं ग्रामीणजनों का शुक्रिया अदा किया.

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