राहुल गांधी के बारे में वैसे तो बहुत सी अफवाहें उड़ती रहती हैं और उन्हें नजरअंदाज तक कर दिया जाता है। लेकिन ये भी बहुत बड़ा सच है कि राहुल गांधी उन गिने चुने नेताओं में से एक हैं जो “रिस्क” लेना जानते हैं। राजनीति में रिस्क लेने से बचने के दौर में राहुल इसमें सबसे आगे हैं। वो रातोंरात युवाओं में प्रसिद्ध इमरान प्रतापगढ़ी को पार्टी का “राष्ट्रीय” पद दे देते हैं।
ऐसे ही उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय के पूर्व अध्यक्ष को बिहार के “जाले” विधानसभा से चुनाव लड़ा दिया था। अब खबर ये है कि राहुल गांधी की मुलाक़ात कन्हैया कुमार से हुई है। इस मुलाकात को कराने का श्रेय पूर्व जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष और मौजूदा कांग्रेस विधायक को दिया गया है।
क्या है मुलाकात के मायने?
ये मुलाकात कन्हैया को कांग्रेस जॉइन कराने को लेकर हुई है।जिसके बाद हो सकता है कि कन्हैया कुमार कांग्रेस का हिस्सा बन जाए। गौर करने वाली बात ये है कि इस मुलाकात के बाद कोई ऑफिशियल घोषणा उत्तर प्रदेश चुनावों की घोषणा से पहले ही हो जाएगी। क्यूंकि कन्हैया भीड़ जमा करने वाले नेता के तौर पर स्थापित हैं तो उन्हें यूपी में कांग्रेस की तरफ से प्रचार के लिए उतारा जा सकता है।
कौन हैं कन्हैया कुमार और क्या है उनक इतिहास?
जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय दिल्ली के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार फिलहाल “देशद्रोह” का मुकदमा झेल रहे हैं। 2015 में जेएनयू में हुए एक कार्यक्रम में कथित तौर पर विवादित नारे लगाए गए थे जिनका आरोप तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया पर भी लगाया था। इसके बाद इन्हें जेल भी जाना पड़ा था और फिर ज़मानत पर जब वो बाहर आये थे तो एक प्रसिद्ध नेता के तौर पर स्थापित हो गए थे।
2019 में कनहैया ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जॉइन करते हुए अपने गृह राज्य बिहार की बेगूसराय लोकसभा से उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन भाजपा के गिरिराज से हुए मुकाबले में ये युवा नेता कहीं भी नहीं टिक पाए थे और इनकी हार हो गयी थी। क्योंकि फूल टाइम राजनीति में आ चुके कन्हैया अब राजनेता ही थे तो उन्होंने 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों में भी अपनी पार्टी का प्रचार किया था।
आगे क्या रणनीति है?
फ़िलहाल इस तरफ गौर किया जा रहा है कि राहुल गांधी द्वारा कन्हैया को पार्टी जॉइन करने का ऑफर यदि दिया गया है तो कन्हैया उसका क्या जवाब देते हैं। वैसे भी पार्टी में उनको लेकर नाराज़गी ही चल रही है और उसके बाद ही उनके कांग्रेस जॉइन करने के आसार भी लगाए गए हैं। अब देखना ये है कि होता क्या है।
अगर कन्हैया कुमार कांग्रेस जॉइन करते हैं तो ये उनके राजनीतिक भविष्य के लिए अच्छा और बेहतर कदम होगा। राहुल गांधी का नेतृत्व वैसे भी इस समय युवाओं को आगे बढाने को तरज़ीह दे रहा है। ऐसे मैं अगर कन्हैया पार्टी में आते हैं तो उन्हें खूब अवसर भी मिलेंगें ही।