यूपी सरकार (UP government) के कैबिनेट मंत्री (श्रम मंत्री) स्वामी प्रसाद मौर्य ने BJP का दामन छोड़ दिया है। अटकलें ये लगाई गई कि वो समाजवादी पार्टी (samajavadi parti)जॉइन कर रहें है लेकिन इन अटकलों को सम्पात करते हुए खुद स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया को बताया कि वो 14 जनवरी को समाजवादी पार्टी जॉइन करेंगे।
इस बीच यूपी में BJP को और भी बड़ा झटका लगा है क्योंकि तीन अन्य मंत्री भी स्वामी प्रसाद मौर्य (swami prasad mourya) के समर्थन में इस्तीफ़ा दे चुके हैं। चुनावों को बस एक महीना बाकी है ऐसे में कैबिनेट के मंत्रियों का इस्तीफ़ा BJP के लिए चुनावों में रेड अलर्ट बन सकता है।
चुनावों से पहले क्यों छोड़ी पार्टी :
स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी छोड़ने का कारण BJP द्वारा पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यको की अनदेखी बताया है। वहीं उनके समर्थन में तीन और विधायकों ने इस्तीफ़ा सौंप दिया है। इनमें बृजेश प्रजापति, रोशनलाल वर्मा और भगवती सिंह सागर शामिल हैं।
दूसरी और ख़बर है कि गृह मंत्री अमित शाह (home minister amit shah) ने केशव प्रसाद मौर्य को ज़िम्मेदारी दी है कि वो नाराज़ नेताओ से मिले और उन्हें पार्टी से इस्तीफ़ा न देने के लिए मनाए। कहा ये भी जा रहा है कि यूपी सरकार के कुछ नेता समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य को पुनर्विचार करना चाहिए :
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद से स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के ख़बर के बाद उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (keshav prasad mourya) ने ट्वीट करते हुए उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की सलाह दी। उन्होंने लिखा, ” आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी किन कारणों से इस्तीफ़ा दे रहे हैं मैं नहीं जानता उनसे अपील है कि बैठकर बातचीत करें, जल्दबाजी में लिए हुए फैसले अक्सर गलत होते हैं।”
इस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने जवाब देते हुए कहा, केशव प्रसाद मौर्य को खुद की दुर्गति पर तरस आना चाहिए। पहले वो अपने आप को सम्मानित स्थिति में लाएं। केशव प्रसाद राज्य के उप मुख्यमंत्री है उनके सलाहकार नहीं।
स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए गिरफ़्तारी का वॉरेंट जारी :
इस बीच aaj tak की रिपोर्ट के मुताबिक MP/MLA कोर्ट के तरफ़ से स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए गिरफ़्तारी का वारंट जारी कर दिया गया है। दरअसल, 12 जनवरी बुधवार को उन्हें MP/MLA कोर्ट में उनपर लगे आरोपो के तहत हाज़िर होना था लेकिन वो हाज़िर नहीं हुए जिसके बाद उनकी गिरफ़्तारी का वारंट जारी कर दिया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक 2014 में जब स्वामी प्रसाद मौर्य BSP में मंत्री थे तब उन्होंने पूजा पाठ् न करने का बयान दिया था। जो धार्मिक भावना भड़काने का मामला MP/MLA कोर्ट में 7 साल से चल रहा है। अब 24 जनवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य को कोर्ट में पेश होना है। बता दें कि MP/MLA कोर्ट एक स्पेशल कोर्ट है। दरअसल, अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर हाइकोर्ट ने नेताओ के आपराधिक मामलों को सुलटाने के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने के आदेश दिए थे।