झारखंड में 5 चरणों में विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के बाद से ही सभी राजनीतिक दलों के अंदर उथल पुथल और दल बदल का दौर चालू हो गया है। इस दलबदल का असर राजनीतिक दलों के तिकीट वितरण में साफ देखा जा सकता है। दूसरी पार्टियों से आए उम्मीदवारों के विरुद्ध पार्टियों के कार्यकर्ताओं का मोर्चा खोलना, हर चुनाव में आम बात होती है। पर झारखंड की हटिया विधानसभा सीट में मामला थोड़ा हटकर है।
दरअसल कांग्रेस ने झारखंड के हटिया विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय शाहदेव को अपना उममीवार घोषित किया है। और अजय शाहदेव ने अपना पर्चा भी दाखिल कर दिया है। अजय शाहदेव पूर्व में कांग्रेस से जेवीएम और फिर भाजपा में रह चुके हैं। और फिर वापस कांग्रेस में शामिल हुए हैं। अपनी विवादित कार्यशैली के कारण अजय शाहदेव की उम्मीदवारी का विरोध हो रहा है।
दरअसल अजय शाहदेव को हटिया से कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने से पार्टी के एक बड़े हिस्से के साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय में खासी नाराज़गी देखी जा रही है। अंदरखाने अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं को यह कहते हुए भी सुना जा रहा है। कि अजय शाहदेव को टिकट देकर कांग्रेस ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। और एक ऐसी सीट, जिसमें उसके जीतने के समीकरण बने हुए हैं, उसे हारने का इंतेजाम कर लिया है।
लव जिहाद का झूठ फैलाने में अजय शाहदेव की भूमिका
बताया जाता है, कि 2014 में तारा शाहदेव और रंजीत कोहली लव मैरिज का मामला सामने आया था, तब अजय शाहदेव भाजपा में थे और इन्होंने रंजीत कोहली को रकीबूल हसन बताकर “लव जिहाद” का नाम देकर झारखण्ड सहित पुरे देश में एक झूठ को परोसा था। इतना ही नहीं बल्कि हटिया का मुस्लिम समुदाय इस बात पर भी नाराज़ है, कि अजय शाह देव के इस कारनामें के कारण हुए मीडिया ट्रायल ने देश भर में मुस्लिमों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया था। इस मानसिक प्रताड़ना के लिए मुस्लिम समुदाय की नज़र में अजय शाहदेव की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
ज्ञात होकि अजय शाहदेव पर ये भी इल्ज़ाम है, कि उन्होंने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार मुशताक अहमद पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का झूठा आरोप लगाकर उन्हें जेल भिजवाने का काम किया था, तब से मुश्ताक अहमद आज भी जेल में।
दलबदलू की है छवि
कभी कांग्रेस के समर्थन से डीप्टी मेयर बने और नगर निगम में गलत तरीके से A to Z कम्पनी को काम दिलवाकर लाखों रूपये घूस लेने का इल्ज़ाम भी अजय शाहदेव के ऊपर बताया जाता है। ज्ञात होकि आरोपों के सामने आने के बाद अजय ने कांग्रेस को छोड़ जेवीएम का दामन थामा था और बाबू लाल मरांडी को महान नेता बताकर हटिया विधानसभा उप चुनाव में टिकट हासिल कर जनता से वोट हासिल किया, फिर जेवीएम में भी इनका मन नही भरा अमित शाह के समक्ष इसने भाजपा का दामन थामा, लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन्हें टिकट नही दिया, लेकिन jharkhand Cricket Association का उपाध्यक्ष बना दिया, जिस पर अजय शाहदेव अभी भी क़ाबिज़ हैं।
कुछ माह पहले कांग्रेस में शामिल अजय शाहदेव पर क्षेत्रीय स्तर में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने और संघ की विचारधारा को आम करने का आरोप अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं द्वारा लगाया जाता रहा है। ऐसे में कांग्रेस द्वारा अजय को उम्मीदवार बनाया जाना, अल्पसंख्यक समुदाय को रास नहीं आ रहा है। अब देखना ये है, कि कांग्रेस अजय शाहदेव को उम्मीदवार बनाए रखती है या अल्पसंख्यक मतदाताओं का ध्यान रखते हुए किसी अन्य उम्मीदवार को मैदान में उतारती है।