कल कानपुर का नाम सोशल मीडिया पर छाया रहा,खासकर वहां के एक वीडियो का,उस वीडियो में कुछ लोग एक शख्स को पीट रहे थे और पिटने वाला शख्स बेबस नज़र आ रहा था। लेकिन इससे भी ज़्यादा दुखद इस घटनाक्रम में था पिटने वाले शख्स के पैरों में लिपटी हुई एक मासूम बच्ची जो पीड़ित शख्स की ही बेटी थी और अपने पिता को छोड़ देने की गुहार कर रही थी।
जब ये वीडियो सामने आया तो उसके बाद करंट की तरह ये वीडियो वायरल हो गया, इतना होना था कि लगभग हर बड़े न्यूज़ चैनल ने का ध्यान इस तरफ जाना लाज़मी हो गया। अब वायरल होने के पीछे एक और एंगल था वो था पीड़ित शख्स का मुसलमान होना और आरोपियों का बजरंग दल से जुड़ा होना। इसलिए ये मामला और तूल पकड़ने लगा।
#Muslim man brutally assaulted, forced to chant ‘Jai Shri Ram’ in #Kanpur#Kanpur video 💔💔 pic.twitter.com/fQ1N5ldegB
— Ujjawal Sharma 🇮🇳 (@SharmaJi220) August 12, 2021
क्या है ये मामला कैसा है आइये पूरी तरह से जानते हैं।
बीबीसी की खबर के मुताबिक इस घटनाक्रम के पीछे 9 जुलाई की एक घटना है जहाँ एक छेड़छाड़ का मामला हुआ था। जब कानपुर के बर्रा निवासी की नाबालिग बेटी से कुछ युवक छेड़छाड़ कर रहे थे। बस यही ही से मामले के बिगड़ जाने का ऐंगल असल मे शुरू होता है।
इसके बाद आरोप ये भी लगा कि इस छेड़छाड़ का विरोध करने पर कथित तौर पर धर्मांतरण करने का भी जोर दिया गया था। पुलिस विभाग में भी इस घटना की जानकारी दी गयी थी लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया गया था ये आरोप भी लगाया गया है।
वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों में एक शख्स को भाजपा विधायक का बेटा बताया गया है,जिन्होंने अपनी सफाई में सिर्फ कानूनी कार्यवाही से पुलिस से अपील करने की बात कही गयी है। लेकिन इतना सब होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया और उसने वायरल वीडियो के ज़रिए कार्यवाही करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
मामला यही नहीं रुका है।
वीडियो में मार पीट कर रहे युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया और कानूनी कार्यवाही भी गयी, लेकिन उसके बाद हिंदूवादी संगठनों ने इस गिरफ्तारी का जमकर विरोध किया। यही नहीं डीसीपी रवीना त्यागी के ऑफिस का घेराव करते हुए देर रात तक विरोध दर्ज कराया। इनका आरोप था कि पुलिस भेदभाव कार्यवाही कर रही है।
इस पूरे मामले की महत्वता को देखते हुए खुद डीसीपी रवीना त्यागी ने सामने आकर मीडिया में अपना पक्ष रखते हुए उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया था और उसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कमिश्नर असीम अरुण ने भी अपनी टिप्पणी की है। उनका कहना है कि “जिन लोगों पर मामला दर्ज हुआ है उन पर उचित कार्यवाही की जायेगी”। फिलहाल ये मामला तूल पकड़ता नज़र आ रहा है क्योंकि इसमें राजनीतिक एंगल जुड़ना भी शुरू हो गया है।