एक तरफ हमारे प्रधानमंत्री जी सैनिकों के सम्मान में इतना कुछ बोलते है बड़े त्यौहार भी उनके साथ मनाने जाते है और अक्सर अपने भाषणों में कहते सुने जाते है कि अगर सैनिक कही भी मिले तो खड़े होकर उनका सम्मान कीजिए.
दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी है जो शहीद के परिवार से मिलना भी पसंद नहीं करते.
एक ऐसे ही मामले का वीडियो वाइरल हुआ है, इस वीडियो को खुद राहुल गाँधी ने शेयर करते हुए लिखा है कि , भाजपा का घमंड अपने चरम पर है।
‘परम देशभक्त’ रुपाणीजी ने शहीद की बेटी को सभा से बाहर फिंकवा कर मानवता को शर्मसार किया।
15 साल से परिवार को मदद नहीं मिली, खोखले वादे और दुत्कार मिली। इंसाफ़ माँग रही इस बेटी को आज अपमान भी मिला।
शर्म कीजिए,न्याय दीजिए।
भाजपा का घमंड अपने चरम पर है।
‘परम देशभक्त’ रुपाणीजी ने शहीद की बेटी को सभा से बाहर फिंकवा कर मानवता को शर्मसार किया।
15 साल से परिवार को मदद नहीं मिली, खोखले वादे और दुत्कार मिली। इंसाफ़ माँग रही इस बेटी को आज अपमान भी मिला।
शर्म कीजिए,न्याय दीजिए। pic.twitter.com/w8k7TYQrDt
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 1, 2017
क्या है पुरा मामला
गुजरात के केवडिया कॉलोनी में यहां एक चुनावी रैली के दौरान महिला पुलिकर्मियों ने शहीद बीएसएफ जवान की बेटी को राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से मिलने से रोक दिया. जिसे राहुल गांधी ने बीजेपी का अहंकार करार दिया है. आदिवासी महिला की पहचान रूपल तडवी (26) के तौर पर हुई है. वह कई सालों से इस बात को लेकर प्रदर्शन कर रही है कि उसके पिता अशोक तडवी के शहीद होने के बाद सरकार ने जो जमीन देने का वादा किया था, वह आज तक पूरा नहीं किया.
रूपल ने कहा कि उसके पिता बीएसएफ में थे और शहीद हुए थे. रूपाणी शुक्रवार को यहां एक रैली को संबोधित कर रहे थे. रूपल दर्शकों के बीच बैठी थी और अचानक से चिल्लाते हुए मंच की ओर दौड़ पड़ी. वह कह रही थी, ‘मैं उनसे मिलना चाहती हूं. मैं उनसे मिलना चाहती हूं.’
इससे पहले कि वह मुख्यमंत्री के करीब जा पाती, महिला पुलिसकर्मी उसे वहां से ले गईं. रूपाणी ने मंच से कहा, ‘मैं आपसे इस कार्यक्रम के बाद मिलूंगा. लेकिन कोई मुलाकात नहीं हुई.’
रूपल को जिस तरह से पुलिसकर्मी ले जा रहे थे, उसका वीडियो वायरल हो गया है. इसे ट्वीट करते हुए राहुल ने कहा कि भाजपा का अहंकार चरम पर है. उन्होंने हिंदी में व्यंग्यात्मक लहजे में ट्वीट करते हुए लिखा, ‘परम देशभक्त’ रुपाणीजी ने शहीद की बेटी को सभा से बाहर फेंकवा कर मानवता को शर्मसार किया। 15 साल से परिवार को मदद नहीं मिली, खोखले वादे और दुत्कार मिली.