भीम आर्मी चीफ़ चंद्रशेखर आज़ाद रावण 22 फ़रवरी को दोपहर 2 बजे नागपूर के रेशिमबाग़ में CAA और NRC के खिलाफ एक सभा को संबोधित करेंगे। महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपूर में ही डॉ भीमराव अंबेडकर ने धर्म परिवर्तन करते हुए बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी, जिसके कारण नागपूर अम्बेडकरवादी विचारधारा का केंद्र है, वहीं दूसरी तरफ़ नागपूर में ही आरएसएस का भी मुख्यालय है। यही कारण है, कि चंद्रशेखर रावण ने नागपूर में संघ मुख्यालय के सामने तिरंगा फ़हराने का ऐलान कर दिया है।
रावण ने ट्वीट करते हुए लिखा – मैं कल 2 बजे रेशमबाग नागपुर आ रहा हूँ। फर्जी राष्ट्रवादियों का संगठन आरएसएस जिसने आज तक तिरंगे को सम्मान नही दिया कल हम उनके हेडक्वार्टर के सामने तिरंगा फहराएंगे। मैं चाहूंगा कि कल सभी साथी रेशमबाग तिरंगा लेकर पहुंचे और बता दें कि इनके भगवे पर हमारा तिरंगा भारी है।
मैं कल 2 बजे रेशमबाग नागपुर आ रहा हूँ। फर्जी राष्ट्रवादियों का संगठन आरएसएस जिसने आज तक तिरंगे को सम्मान नही दिया कल हम उनके हेडक्वार्टर के सामने तिरंगा फहराएंगे। मैं चाहूंगा कि कल सभी साथी रेशमबाग तिरंगा लेकर पहुंचे और बता दें कि इनके भगवे पर हमारा तिरंगा भारी है।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) February 21, 2020
ज्ञात होकि नागपूर पुलिस ने भीम आर्मी चीफ़ को संघ मुख्यालय के पास स्थित रेशिमबाग़ मैदान में कानून वुवस्था का हवाला देते हुए सभा की इजाज़त नहीं दी थी, जिसके बाद आयोजकों ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपूर बैंच में सभा की परमीशन के लिए याचिका दायर की थी। जिसके बाद कोर्ट ने चंद्रशेखर को सशर्त सभा की परमीशन दे दी है।
कोर्ट ने सभा की परमीशन देते हुए कहा – “शर्तों के साथ अनुमति दी जाती है, यह केवल कार्यकर्ताओं की बैठक होगी। यह धरना अथवा प्रदर्शन में तब्दील नहीं होना चाहिए, वहां कोई भडकाऊ भाषण नहीं होना चाहिए और वातावरण शांतिपूर्ण बना रहना चाहिए। इसके अलावा चंद्रशेखर आजाद को उपर्युक्त शर्तों पर एक हलफनामा देना चाहिए। इसके साथ “पीठ ने चेतावनी देते हुए कहा – कि शर्तों का उल्लंघन होने पर आपराधिक कार्रवाई के साथ ही कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही भी की जाएगी।
इसके पूर्व पुलिस ने गुरूवार को अदालत में दाखिल शपथपत्र में कहा था, कि जिस मैदान में संगठन ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) का विरोध करने के लिए अनुमति मांगी है, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय के पास है। आयोजन करने वाले संगठन के विचार और संघ के विचारों में भिन्नता की वजह से कानून एवं व्यवस्था बिगड़ सकती है।
अब जब चंद्रशेखर रावण ने संघ मुख्यालय के सामने तिरंगा फहराने का ऐलान कर दिया है, तब ये देखना है कि ऐसी स्थिति में क्या चंद्रशेखर संघ कार्यालय के सामने तिरंगा फहराने में कामयाब हो पाएंगे।