लगता है महाराष्ट्र समेत पाँच राज्यों में सत्ता गँवाने के बाद भाजपा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसी खबरें आ रही हैं, कि उद्धव ठाकरे सरकार सुबूतों के आधार पर जज लोया केस की जांच करवा सकती है। इस बात के संकेत उद्धव सरकार में गृहमंत्री अनिल देशमुख व एनसीपी नेता और मंत्री नवाब मलिक ने दिए हैं।
ज्ञात होकि 1 दिसंबर 2014 को सीबीआई जज बीएच लोया की नागपूर में मृत्यु हो गई थी। वो वहाँ एक मित्र की लड़की के शादी के संबंध में गए हुए थे। उनकी मौत की वजह कार्डिएक अरेस्ट बताई गई थी। पर चूंकि जज लोया गुजरात में हुए सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी एनकाऊँटर की जांच में सुनवाई कर रहे थे, और यह केस अमित शाह से भी जुड़ा हुआ था। इसलिए जज लोया की मृत्यु पर सवाल उठने लगे थे।
Maha Govt open to reinvestigating special CBI judge B H Loya's death case: Home Minister Anil Deshmukh
— Press Trust of India (@PTI_News) January 9, 2020
कारवां मैगज़ीन ने जज लोया की मौत संबंधित कई बड़े खुलासे करते हुए, कई गंभीर सवाल उठाए थे। जिसमें जज लोया की मौत की जांच कराए जाने के पर्याप्त कारणों को पेश किया गया था। कारवां की रिपोर्ट पढ़ने के बाद ऐसा महसूस होता है, की सीबीआई के जज लोया की मौत, कोई सामान्य मौत नही थी। पत्रकार निरंजन टाकले की एक के बाद एक कई रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद। विपक्षी पार्टियां भी जज लोया की मौत की जांच के लिए लामबंद होने लगे थे।
पत्रकारों से बात करते हुए महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा – यदि साक्ष्यों के साथ कोई शिकायत आती है तो महाराष्ट्र सरकार जज लोया की मौत की जांच करवा सकती है। ज्ञात होकी सुप्रीम कोर्ट पूर्व में जज लोया की मौत की जांच कराने से यह कहते हुए इनकार कर चुका है, की जज लोया की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी। और कोर्ट ने सभी दायर याचिकाओं को रद्द कर दिया था।
महाराष्ट्र में जबसे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, तभी से ही जज लोया की मौत की जांच की चर्चाएं चल रही हैं। अगर ऐसा होता है, तो ये माना जा सकता है की यह भाजपा के लिए अच्छी खबर नहीं है।