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नज़रिया – तरुण गोगोई के इस ट्वीट के बाद क्या राहुल गांधी का घेराव करेंगे NRC पीड़ित

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असम में चालीस लाख नागरिकों की नागरिकता ख़तरे में है। ट्वीटर पर असम के पूर्व मुख्यमंत्री श्री तरूण गोगोई ने एलान करते हुए लिखा है कि NRC उनकी दिमाग की उपज थी। असम में NRC की कोई ज़रूरत नहीं थी फिर भी हमने बनाया।
15 साल तक ये आदमी असम का मुख्यमंत्री रहा। 2001-16 तक। जिन चालीस लाख नागरिकों की नागरिकता पर आज तलवार लटक रही है वह तलवार इन कांग्रेसियों ने लटकाई है। भाजपाईयों का इसमें कोई कसूर नहीं। कांग्रेस गड्ढा खोदती रही और हमें लगा कि भाजपा खोद रही है।
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अब साफ हो गया कि कांग्रेस ने ही असम में यह संकट खड़ा किया है। मैं दिल्ली समेत देश भर के अपने सामाजिक कार्यकर्ता मित्रों से पूछना चाहता हूं कि वे नागरिकता के इस अतिमहत्वपूर्ण सवाल को लेकर श्री राहुल गाँधी का घेराव कब कर रहे हैं?
जिस नर्क का निर्माण कांग्रेसियों ने असम में आम लोगों हेतु किया है क्या उसके प्रति जवाबदेही आदरणीय राहुल गाँधी जी की नहीं बनती? क्या उनसे सवाल वे लोग करेंगे जो हर दूसरे दिन भाजपा को सांप्रदायिकता के मुद्दे पर सड़क पर घसीट लेते हैं। इस संकट का सबसे बड़ा शिकार मुसलमान बन रहे हैं।
कांग्रेस का हमदर्द बनने की जितनी भी कोशिशें करता हूं, हर बार कांग्रेस के कारनामों से उससे दूर हो जाता हूं। बीते समय में काग्रेस की कम्यूनल पॉलिटिक्स, जोड़तोड़ को भुलाने का भरसक प्रयास करता हूं, लेकिन वर्तमान में कांग्रेस की तरफ से उनके प्रति ऐसा कोई भी सकारात्मक कदम नही उठाया जाता जिनकी पीढ़ियों को बर्बादी के कगार पर खुद कांग्रेस ने छोड़ा था। आख़िर 2019 में कांग्रेस का साथ दिया भी जाए तो क्यों दिया जाए।

मोहम्मद अनस
नोट: यह लेख पत्रकार मोहम्मद अनस की फ़ेसबुक वाल से लिया गया है