हाल ही में आये कर्नाटक चुनाव परिणाम के बाद हंग असेम्बली के परिणाम आने के बाद उपजी सियासी उठापठक के बीच राज्यपाल द्वारा कर्नाटक में भाजपा को सरकार बनाने के लिए दिए गए न्योते के विरोध में कांग्रेस और जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. इसी विषय पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है.
भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के सामने येदियुरप्पा के दोनों पत्र पेश किए. इन्हीं के आधार पर राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें सरकार बनाने के लिए बुलाया था. सुप्रीम कोर्ट ने दो संभावनाओं को पेश करते हुए कहा- या तो सरकार का बहुमत साबित करे या फिर शनिवार को फ्लोर टेस्ट हो.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन संभावनाओं को पेश करने के बाद कांग्रेस की तरफ से पैरवी कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम भी कल फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं.
बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने तत्काल फ्लोर टेस्ट कराए जाने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि कम से कम एक सप्ताह का समय मिलना चाहिए. ये राज्यपाल का विशेषाधिकार है. एक दिन फ्लोर टेस्ट का निर्देश देकर संतुलन नहीं बनाया जा सकता.
कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस के साथ जेडीएस भी जल्दी फ्लोर टेस्ट चाहती है. फ्लोर टेस्ट तुरन्त होना चाहिए. कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे पास हमारे सभी विधायकों के दस्तखत वाली चिट्ठी है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक एंग्लो इंडियन विधायक के मनोनयन पर फ्लोर टेस्ट से पहले रोक लगाईं. इसे भाजपा के लिए बड़ा झटका मकान जा रहा है.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट में कल 19 मई को चार बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है.
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