एमपी में सामने आई बजरंगी भाईजान जैसी कहानी, पुलिस कांस्टेबल ने ऐसे ढूँढा मूकबधिर का परिवार

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सलमान खान की बजरंगी भाईजान तो आपने जरूर देखी होगी। इस फिल्म में सलमान एक गुमशुदा मूक-बाधिर लड़की को घर पहुंचाने के लिए हजार मुश्किलों का सामना करते हैं और आखिरकार, सलमान पाकिस्तान जाकर इस लड़की को उसके परिवार से मिलवा देते हैं। अब मध्य प्रदेश में राजगढ़ जिले के ब्यावरा एक ऐसा ही मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश पुलिस में तैनात पुलिस कॉन्स्टेबल ने दस साल से गुमशुदा युवक को उसके परिवार से मिला दिया है।

पीपल चौराहे पर भूखा प्यासा मिला युवक

दरअसल,आज से दस साल पहले ये युवक अपने परिवार से बिछड़ गया था। आज से कुल आठ महीने पहले मूकबधिर युवक पुलिस कॉन्स्टेबल कैलाश नायक को पीपल चौराहे के पास भूखा प्यासा बदहाल मिला था। इसके बाद कैलाश इस युवक को पुलिस चौकी ले गए। जब थोड़े दिनों बाद ही भी युवक के घर वालों का कोई पता नहीं चला तब कैलाश इस युवक को अपने घर ले गए।

यही नहीं, जब कैलाश इस युवक को अपने घर गए, तो उन्हें इसकी पहचान से संबंधित कोई सामान भी नहीं मिला। इसी कारण उन्हें इस युवक का भी कोई अंदाजा नहीं था। तब उन्होंने इसका नाम गजानंद रख दिया।

आठ महीने की कड़ी मेहनत के बाद ढूंढ निकाला परिवार का पता

जब कैलाश नायक ने इस गुमशुदा युवक से उसके बारे में जानना चाहा और पूछताछ करने की कोशिश की, तो युवक कुछ भी बताने में असमर्थ रहा, लेकिन तब भी कैलाश नायक ने हार नहीं मानी। कैलाश हाईवे पर आने जाने वाले लोगों को गजानंद की फोटो दिखाकर जानकारी जुटाने की कोशिश करते, साथ ही उसकी तस्वीर हर पुलिस थाने में भी भिजवा कर परिवार का पता लगाने के हर संभव प्रयास किये। अंत: आठ महीने बाद युवक को उसका परिवार मिल गया।

बिहार के सिवान से था परिवार

एमपी पुलिस को बिहार पुलिस से एक गुमशुदा मूकबधिर युवक के बारे में पता चला। जब सिवान पुलिस को गजनंद का फोटो भेजा गया, तो परिवार ने उसकी पहचान अपने बेटे अवधेश राय के तौर पर की। राजगढ़ के एसपी इस मामले में कहा कि फाइनली कैलाश ने उनके परिवार को ढूंढ लिया है। परिजनों की पहचान में हो चुकी है। दस साल पहले ये युवक अपने माता-पिता से बिछड़ गया था। हमने कुछ ट्रक ड्राइवरों से जब हमने इस संबंध में बात की तो उन्होंने अपने कॉन्टैक्ट का इस्तेमाल करके हमारी मदद भी की।

वीडियो कॉल कर ही रोने लगा परिवार

एसपी ने आगे बताया कि हमने वीडियो कॉल पर गजानंद और उसके परिजनों की बात करवाई गई। उस समय परिवार भावुक हो गया। और वीडियो कॉल पर ही रोने लगा। हमारे आरक्षक कैलाश इस बात से बहुत खुश हैं कि अब गजानंद को अपना परिवार वापस मिल गया है। उनका सपना पूरा हो गया। हमें बहुत गर्व है, हमारे बीच कैलाश जैसे लोग हैं।

इसके अलावा कैलाश ने गजानंद के परिवार के मिल जाने पर कहा, मुझे बहुत दुख है कि गजानंद अब मेरे पास नहीं रहेगा। लेकिन इस बात की खुशी भी है। अब गजानंद अपने घरवालों के पास रहेगा। आखिरकार मेरा उसे अपने घर पहुंचाने का सपना पूरा हुआ।