अमरीश पुरी बॉलीवुड का वो विलेन जो हीरो से ज़्यादा फीस लेता था

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बॉलीवुड में कुछ नाम ऐसे हैं जिनके बिना बॉलीवुड इंडस्ट्री का इतिहास लिखा जाना मुमकिन नही है,वैसे तो ऐसे कई नाम हुए हैं जिन्हे हम “हीरो” कह कर याद कर सकते हैं,मगर एक ऐसा भी नाम है जिसने बॉलीवुड इंडस्ट्री में “विलेन” के रोल को स्थापित करके दिखाया,गरजदार आवाज़,सख्ती से भरा चेहरा और अभिनय की क्षमता ऐसी की “सुपरस्टार” भी इनके सामने फ़ीके नज़र आये।

यहां बात हो रही है बॉलीवुड के “मोगेम्बो” यानि दिग्गज अभिनेता “अमरीश पुरी की,जो 34 साल लगातार तक बॉलीवुड में सिर्फ अपने अभिनय और नए नए चैलेंजेस का सामना करता रहे जो जो उसे मिलते रहे,ये सिर्फ अमरीश पुरी ही कि क्षमता थी कि 40 की उम्र के बाद डेब्यू करने के बावजूद अपना लोहा मनवा लेने में वो कामयाब रहें ।

डेब्यू और अलग पहचान का स्थापित हो जाना

आज ही के दिन 22 जून 1932 को पंजाब के नवाशहर में पैदा होने वाले अमरीश पुरी ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत “रेशमा और शेरा” के साथ की थी,हालांकि ये भी एक सच है कि वो अपने पहले “ऑडिशन” में रिजेक्ट हो गए थे,लेकिन फ़िल्म में मिले रॉल ही से उन्होंने ये दिखा दिया था कि उन्हें हल्के में लेना भारी पड़ेगा।

अपने डेब्यू के बाद से उन्होंने कभी रुकने का नहीं सोचा क्योंकि लगातार उनकी झोली में फिल्मों के आने के बाद वो अपना वजूद स्थापित कर चुके थे,हालांकि जिस दौर में वो बॉलीवुड में आये उस वक़्त “हीरो” का ट्रेंड चला करता था,लेकिन अमरीश पुरी ने अपनी आवाज़ और शानदार अभिनय के बल पर अपनी जगह स्थापित की थी।

बॉलीवुड की तीन पीढ़ियों में अपनी पहचान स्थापित करने का रिकॉर्ड बनाया

अमरीश पुरी में मुश्किल से मुश्किल रॉल को भी अपनी काबिलियत के बल पर निभाने की क़ुव्वत थी,यही वजह है कि दिलीप कुमार, धर्मेंद्र दिग्गजों से लेकर आमिताभ, शशि कपूर और विनोद खन्ना जैसे मंझें हुए कलाकारों तक और आखिर में सलमान खान सन्नी देओल और शाहरुख खान तक के साथ वो हमेशा फिट नज़र आते रहें।

ये सिर्फ अमरीश पुरी ही थे जिनकी काबिलियत की वजह से यानी उनकी अभिनय क्षमता, डायलॉग डिलीवरी और दमदार आवाज़ का रौब दर्शकों के सर चढ़ कर बोला करता था,और वो घर घर मे “बुरी शख्सियत” की तरह जाने जाते थे।

लुक्स में ढल जाना और सबसे महंगे विलेन बन जाना “मोगेम्बो” का जलवा था

80 और 90 के दशकों में बनी फिल्मों में उनके लुक्स आपको ये बताने के लिए काफी है आज से 30 से 40 साल पहले भी वो अपने किरदार को लेकर कितना जागरूक रहा करते थे, और लगभग हर फ़िल्म में खुद के किरदार में रच बस जाते थे।

फ़िल्म मिस्टर इंडिया में मोगेंबो के रोल में अमरीश पुरी

यही नहीं अपनी एक फ़िल्म के लिए उसे वक़्त में करीबन 1 करोड़ की फीस लेने वाले “विलेन” अमरीश पुरी उस वक़्त के सबसे महंगे विलेन बन गए थे,क्यूंकि दर्शक इनके ढाए गए “ज़ुल्म” को देखने के लिए फिल्मी पर्दों पर टूट पड़ते थे इसलिए उनकी फीस इतनी थी।

करीबन 400 फिल्मों में अभिनय और “किसना” आखिरी फ़िल्म

बॉलीवुड के अलावा मराठी,कन्नड़ और तेलगु फिल्में मिलाकर करीबन 400 फिल्मों में अभिनय करने वाले नायक के “चौहान साहब” की बतौर अभिनेता आखरी फ़िल्म “किसना” थी जो इनके निधन के बाद पर्दे पर आई थी,

12 जनवरी 2005 को दुनिया से अलविदा कहने वाले अमरीश
अपने किरदार और अपनी आवाज़ के साथ आज तक अपने नाम और किरदार की तरह बॉलीवुड के इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाता है,और हमेशा लिखा जाता रहेगा।