महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी में नफरत और प्यार का रिश्ता कई सालों से चले जा रहा हैं, शिवेसेना के राजकुमार और युवा नेता कि माने तो शिवसेना अगले साल बीजेपी से अलग हो जाएगी. उसने कहा कि शिवसेना ने डेडलाइन तय कर ली है अगली साल सरकार से निकल जाएगी. लेकिन बीजेपी के नेता इसे गंभीरता से नही ले रहे हैं. सरकार के मंत्री गिरीश बापट का कहा है कि वो ऐसा कई बार कह चुके हैं.
गौरतलब है कि आदित्य ठाकरे को अब करके दिखाना होगा कि उन्होंने जो कहा है वह करके दिखायेगे. दरअसल ईएसआई बात इसीलिए आ रही है क्योकि पिछली साल भाजपा और शिवसेना ने विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था और चुनाव में बीजेपी नंबर वन पार्टी बनके उभरी थी. ज्ञात हो कि बीजेपी को 123 सीट और शिवसेना को 62 सीट मिली, तब से दोनों में ख़ट-पट चल रही हैं.
उद्धव ठाकरे भी अब तक चार बार डेडलाइन तय कर चुके हैं. उद्धव तो यहां तक कह चुके हैं कि उनके मंत्री जेब में इस्तीफा लेकर घूमते हैं, लेकिन असल में देते नहीं हैं.
दरअसल मंत्रियों को भी मालूम है कि सत्ता हाथ से छीन गयी तो कोई नहीं पूछेगा. इसलिए जब भी उद्धव ठाकरे सरकार से हटने के लिए विधायकों और मंत्रियों की बैठक बुलाते हैं, इस पर कोई फैसला नहीं हो पाता है. अब आदित्य ठाकरे ने धमकी दी है, तो संजय राउत और मनीषा कायंदे जैसी प्रवक्ता खुलकर कह रही है कि बीजेपी से रिश्ते अच्छे नहीं है, इसलिए कुछ सोचना होगा.
मुश्किल ये है कि आदित्य ने एक साल का वक्त तय किया, जबकि बीजेपी की प्लानिंग दिंसबर 2018 में ही
विधानसभा चुनाव कराने की है. फिर सरकार का आखिरी साल होगा तो कोई सरकार गिराना भी नहीं चाहेगा. जाहिर है बाजी शिवसेना के हाथ से निकल गई है और अब बस वो लकीर पीट रही है. इससे बेहतर है कि वो तय कर ले कि करना क्या है? ऐसा न हो कि दो नावों की सवारी मे संतुलन भी बिगड़ जाए?