छतीसगढ़ में शिक्षक आन्दोलन करने कि तैयारी में थे. सरकार ने आन्दोलन को दबाने कि भी पूरी तैयारी कर ली थी. चप्पे-चप्पे पर पुलिस और चैक पॉइंट और पुलिस की भारी चैकिंग थी. इसके बावजूद भी करीब 10 हजार शिक्षाकर्मी पहुंच गए. मुख्य शिक्षाकर्मी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद, पुरे आंदोलन की कमान महिला शिक्षाकर्मियों ने अपने हाथों में ले ली.
मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलित शिक्षाकर्मियों ने सरकार से वार्ता विफल होने के बाद उग्र आंदोलन का ऐलान किया था. बाद में तकरीबन 30 चेकिंग पॉइंटों पर तैनात 700 बल ने एक-एक वाहनों को रोककर उसमें सवार लोगों से पूछा- क्या आप शिक्षाकर्मी है? हां कहने पर उन्हें तत्काल हिरासत में लेकर शहरभर में बनाए गए 12 अस्थायी जेल भेज दिया गया. पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर शिक्षाकर्मियों में जबरदस्त आक्रोश रहा.
शिक्षाकर्मियों का आरोप है, जिस तरीके से राज्य सरकार आंदोलन के पहले ही उनके नेताओं और उनकी गिरफ्तारी कर उनको जेल भेज रही है. राज्य सरकार शिक्षाकर्मियों की आवाज को दबाने की कोशिश में जुटी है. पर वो आगे की रणनीति पर काम कर रहे हैं. जो शिक्षाकर्मी रायपुर नहीं पहुंचे हैं उनके लिए निर्देश जारी कर दिया गया है कि वे विकासखंड मुख्यालय में प्रदर्शन करें. इसका ज़िम्मा विकास खंड प्रमुखों को सौंपा गया है. इनसे राज्यपाल को गिरफ्तारी के विरोध में ज्ञापन सौंपने को भी कहा गया है
अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलित शिक्षाकर्मियों ने सरकार से वार्ता विफल होने के बाद उग्र आंदोलन का ऐलान किया था. उनके इस ऐलान को विफल करने के लिए शुक्रवार आधी रात से ही पुलिस और जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली थी.