क्या आप जानते हैं, कि विश्व कारोबारी रैंक में भारत 130वें स्थान से 100वें स्थान पर आने का श्रेय किसे जाता है. जैसे ही भारत की रैंकिंग सुधरी,तो उत्साहित होती हुए भाजपा सरकार जश्न मनाने लगी. वाक़ई यह देश के लिए गर्व व सम्मान का समय है कि कारोबार की आसानी में तेजी से सुधार हो रहा है. लेकिन इसका क्रेडिट लेने वाले लोगों का ये जान लेना जरूरी है कि इस रैंकिंग के मानक और सैंपल क्या हैं ,और इस बड़ी सुधर की वजह क्या है.
जब आप विश्व बैंक की इस रिपोर्ट को पढेंगे तो उसमें ही साफतौर पर जिक्र है कि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (कारोबार में आसानी ) की लिस्ट दिल्ली और मुंबई में कारोबार की सुगमता के आधार पर बनाई गई है, जिसमें मुंबई तो पहले से ही बेहतर रहा है लेकिन इस बार भारत के लिए रैंक में इतनी बड़ी सुधार दिल्ली में कारोबार की सुगमता की वजह से संभव हो पाया है.
रिपोर्ट में दिल्ली में बिजली कनेक्शन की सुगमता और और दरों के सरलीकरण का भी ज़िक्र है, इस रिपोर्ट को दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन ने ट्विट कर जानकारी दी है. देखें सत्येन्द्र जैन का ट्विट –
According to World Bank report, Delhi's average of providing a faster electricity connection is better than OECD high income economies pic.twitter.com/jmBcp7qD1i
— Satyendar Jain (@SatyendarJain) October 31, 2017
न्यूज़ पोर्टल बोलता हिन्दुस्तान के अनुसार – दिलचस्प बात यह है कि कारोबार की सुगमता में न सिर्फ बिजली के कनेक्शन मायने रखता है, बल्कि बिजली के दाम भी मायने रखते हैं ,जो दिल्ली में मुंबई के मुकाबले बेहद सस्ते दरों पर उपलब्ध कराई जाती है. जहां मुंबई में 25 US सेंट पर 1 यूनिट बिजली उपलब्ध कराई जाती है वहीं दिल्ली में 16 US सेंट पर एक यूनिट बिजली उपलब्ध होती है.
इसके साथ ही रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि विश्व स्तरीय संगठन OECD से भी तेज गति से बिजली कनेक्शन दिल्ली में उपलब्ध कराया जाता है, जिसकी वजह से भारत इस मानक पर 29 वें नंबर पर पहुंचने में कामयाब रहा. इन तमाम बातों को देखते हुए स्पष्ट हो जाता है कि दिल्ली में बिजली के कनेक्शन का सरलीकरण और सस्ते दर पर उपलब्ध कराने की वजह से एक बड़ा बदलाव आया जिससे 30 अंको का सुधार हुआ है हालाँकि भाजपा और केंद्र सरकार इस मामले पर अपनी पीठ थपथपा रही है.