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अपने घर की ओर पैदल जा रहे मज़दूर, अलग-अलग स्थानों पर 22 की मौत

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Krishna Kant

हमने कल रात तक अलग अलग घटनाओं में 17 मजदूरों के मारे जाने की बात लिखी थी। अब यह संख्या बढ़कर 22 हो गई है। कोरोना से अब तक 29 मौतें हुई हैं, जबकि शहरों से अपने गांवों की ओर पैदल भागने के चलते अब तक 22 मजदूरों की जान चली गई है।

दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, रविवार सुबह कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर आठ लोगों को एक गाड़ी ने कुचल दिया। इसमें एक बच्चे समेत पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हैं। ये सभी मजदूर थे और दिल्ली से अपने गांव जाने के लिए पैदल निकले थे।

शहरों से मजदूर अफरातफरी में भाग रहे हैं। इसके चलते कई जगह हादसों में उनकी मौत हुई तो कुछ भूख, थकान या पैदल चलने के कारण मारे गए हैं।

यह 22  मौतों का आंकड़ा कहीं एक जगह नहीं छपा है। अलग अलग मीडिया में छपी खबरों को मैंने एकत्र किया है। कोरोना के चलते देश में अभी तक 29 मौतें हुई हैं। कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने जो अफरातफरी मचाई, उससे  शहरों से भाग रहे लाखों मजदूरों में से अब तक 22  की मौत खबर है।
मुरैना निवासी रघुवीर दिल्ली से पैदल मुरैना जा रहे थे। वे शनिवार सुबह आगरा पहुंचे थे, तभी अचानक उनके सीने में दर्द हुआ और उनकी तबियत खराब हो गई। पुलिस ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया लेकिन डॉक्टरों में उन्हें मृत घोषित कर दिया। रघुवीर दिल्ली के तुगलकाबाद में एक रेस्टोरेंट में डिलीवरी बॉय का काम करते थे, कुछ राहगीरों ने उनकी मदद भी की, लेकिन उनकी मौत हो गई। रघुवीर की कहानी अमर उजाला ने प्रकाशित की है।
लॉकडाउन में कोलकता से घर लौट रहे 30 मजदूरों से भरी एक पिकअप वैन शुक्रवार की देर रात झारखंड के देवघर में पलट गई। एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि करीब एक दर्जन घायल हो गए। खबर जागरण ने छापी है। अमर उजाला के मुताबिक, महाराष्ट्र और कर्नाटक से पैदल अपने घरों की ओर जा रहे मजदूर हादसे का शिकार हो गए। तीन हादसों में अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है।
महाराष्ट्र के वापी और करामबेली स्टेशन पर दो महिलाएं तेज रफ्तार मालगाड़ी से टकरा गईं। वे रेलवे ट्रैक क्रॉस करने की कोशिश कर रही थीं। महाराष्ट्र के पालघर में एक तेज रफ्तार टेंपो ने चार लोगों को बुरी तरह से कुचल दिया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई, तीन घायल हो गए हैं।  कर्नाटक में शनिवार रात को लॉरी और मिनी ट्रक की टक्कर के बाद छह लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हो गए हैं।
अमर उजाला की एक अन्य खबर के मुताबिक, मजदूरों से भरी एक पिकअप गाड़ी कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे पर गुरुवार देर रात अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 11 गंभीर रूप से घायल हो गए। पिकअप में 12 मजदूर बरेली जा रहे थे। ये सभी मजदूर दिल्ली में मजदूरी करते हैं, लॉकडाउन के बाद उनका कामकाज ठप हो गया था, जिससे वे घर जा रहे थे।
हिंदुस्तान की एक खबर के मुताबिक, लॉकडाउन के बाद हरियाणा से घर आ रहे रामपुर निवासी मजदूर चलती बस से गिर गया, उसकी मौत हो गई। रामपुर के गांव लाडोपुर निवासी नितिन और भाई पंकज हरियाणा की जूता फैक्ट्री मजदूरी करते थे। फैक्ट्री बंद होने पर दोनों भाई हरियाणा से रामपुर लौट रहे थे।
जागरण की खबर है कि हाथरस के गांव महमूदपुर नगला ढक निवासी गजेंद्र कुमार (20) नोएडा में मजदूरी करता था। लॉकडाउन के बाद पैदल वापस जा रहा था, अलीगढ़ के पास अज्ञात वाहन ने उसे कुचल दिया जिससे उसकी मौत हो गई। शुक्रवार को उसका शव गांव पहुंचा।
मेरी निगाह में इतनी ही खबरें मिल सकी हैं और भी हादसे हुए हों तो पता नहीं। नोटबंदी की तरह इसका भी कोई डेटा जारी नहीं होगा।

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