अंतरराष्ट्रीय परिपेक्ष में करीब 2 महीने से चल रहे अफगानिस्तान और तालिबान के आपसी विवाद में कई लोगों ने जान गवाई है और इससे कई सारे देश भी परेशान हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक शहर पर कब्जा कर लिया है। यह शहर पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है।
पिछले कुछ दिनों से आपसी विवाद के चक्कर में तालिबानी आतंकियों ने अफगानिस्तान में करीब 100 से अधिक आम लोगों की जान ली है। स्पिन बोल्डक शहर पर हर वक्त हमले का खतरा बना रहता है।
2 देशों के आपसी विवाद में एक भारतीय भी हुआ शहीद
इसी हिंसा और आपसी तनाव के दौरान 16 जुलाई को भारत का एक बेटा दानिश सिद्दीकी मारा गया। उसकी स्पिन बोल्डक शहर में ही हिंसा के दौरान हत्या कर दी गई थी। दानिश एक फोटो जर्नलिस्ट थे जो समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए कई दिनों से काम कर रहा थे।
Got a 15 minute break during almost 15 hours of back to back missions. pic.twitter.com/Y33vJYIUlr
— Danish Siddiqui (@dansiddiqui) July 13, 2021
दोनों देशों के बीच के तनाव और हिंसा को कवर करने के लिए ही दानिश वहा गये थे।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने अपनी संवेदना व्यक्त की
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 22 जुलाई को दानिश सिद्दीकी के परिजनों के साथ अपनी संवेदना व्यक्त की थी। उन्होंने दानिश के परिवार को, जो दिल्ली में रहते हैं, टेलीफोन कॉल से संपर्क किया और उनसे कहा, “दानिश का जाना पत्रकारिता बिरादरी के लिए बहुत बड़ी क्षति है।”
अशरफ गनी के विशेष सचिव अजीज अमीन ने जानकारी देते हुए कहा,”राष्ट्रपति ने रॉयटर्स के प्रमुख फोटो जर्नलिस्ट दिवंगत दानिश सिद्दीकी के पिता प्रोफेसर सिद्दीकी को फोन किया था। उन्हें उनके बेटे की मौत पर उनके परिवार, दोस्तों और सहयोगियों को अपनी संवेदना व्यक्त की।”
कौन थे दानिश सिद्दीकी?
दानिश सिद्दीकी अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के एक प्रमुख फोटो जर्नलिस्ट थे। उनका परिवार दिल्ली में जामिया के गफ्फार मंजिल इलाके में रहता है। पिता जामिया यूनिवर्सिटी से ही रिटायर्ड प्रोफेसर है। दानिश के दो बच्चे भी हैं। उनकी मौत के वक्त उनकी पत्नी और बच्चे जर्मनी में थे। दानिश घर में सबसे बड़े बेटे थे।
A Reuters photographer since 2010, Danish Siddiqui covered the wars in Afghanistan and Iraq, the Rohingya refugees crisis, the Hong Kong protests and Nepal earthquakes. Here is a selection of some of the Pulitzer Prize-winning photographer's best workhttps://t.co/jyICjnP4X2 pic.twitter.com/spkfVr7QMM
— Reuters (@Reuters) July 16, 2021
दानिश को 2018 में रॉयटर्स के लिए काम करने के दौरान ही पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी मौत तालिबानियों द्वारा किए गए हमले से हुई थी। हत्या के वक्त वह अफगानिस्तान के विशेष बलों के साथ में थे।
जहां हुई थी पढ़ाई, वही दी गई अंतिम विदाई
Danish Siddiqui finally comes home to Jamia Nagar, Delhi. Photos by @sanchit2294 for @htTweets. #Reuters #DanishSiddiqui #photojournalism pic.twitter.com/UocWZdtwNd
— Paroma Mukherjee (@ParomaMukherjee) July 18, 2021
दानिश सिद्दीकी ने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से ही इकोनॉमिक्स विषय में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। उन्होंने काफी लंबा वक्त जामिया इलाके में बिताया था। उनके पार्थ शरीर को जामिया मिलिया के कब्रिस्तान में ही दफनाया गया है।