आम आदमी पार्टी ने कुमार विश्वास को बड़ा झटका देते हुए उन्हें राजस्थान प्रभारी पद से हटा दिया है.माना जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी नेतृत्व पर लगातार सवाल उठाने के कारण कुमार विश्वास से राजस्थान प्रभारी का पद छीना गया है.
अब उनके स्थान पर दीपक वाजपेई को राजस्थान का नया प्रभारी बनाया गया है. पार्टी नेता आशुतोष ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी. बता दें कि मई 2017 में ही कुमार विश्वास को राजस्थान का प्रभारी बनाया गया था.
प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी नेता आशुतोष ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने फैसला लिया है कि वह राजस्थान विधानसभा का चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ेगी. कुमार विश्वास के पास समय की कमी है इसलिए दीपक वाजपेयी को उनकी जगह सूबे का प्रभारी बनाया गया है. उन्होंने कहा कि वसुंधरा सरकार ने पिछले 4 सालों में राजस्थान को सदियों पीछे छोड़ दिया है. आज किसान पूरी तरह से नाराज हैं, बिजली के दाम लगभग 4 गुना बढ़ गये हैं, भ्रष्टाचार की तो कोई सीमा ही नहीं. इन सबके मद्देनजर आम आदमी पार्टी का मानना है कि राजस्थान को एक नए विकल्प की तलाश है.
आशुतोष ने कहा कि राजस्थान की बागडोर दीपक वाजपेयी को सौंपी गयी है ताकि वह वहीं रह कर संगठन को मजबूत बनाएं और चुनाव की स्ट्रेटेजी तैयार करें. वे वहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क करके कार्यक्रम की रूपरेखा बनाएं और कैंडिडेट की लिस्ट तैयार करें.
गौरतलब है कि कुमार विश्वास और आम आदमी पार्टी में काफी समय से तनातनी चल रही है. राज्यसभा चुनाव के समय भी कुमार विश्वास ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. राज्यसभा चुनाव के दौरान कुमार विश्वास के साथ दो और नामों की चर्चा थी. इनमें पार्टी के नेता संजय सिंह और आशुतोष का नाम शामिल था. लेकिन पार्टी ने इनमें से एक नाम आशुतोष से किनारा कर लिया और संजय सिंह के अलावा सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता को राज्यसभा भेजा था.
पार्टी के इस फैसले के बाद कुमार विश्वास ने कविता ट्वीट कर अपना दर्द बयां किया है.
तुम निकले थे लेने “स्वराज”
सूरज की सुर्ख़ गवाही में,
पर आज स्वयं टिमाटिमा रहे
जुगनू की नौकरशाही में,
सब साथ लड़े,सब उत्सुक थे
तुमको आसन तक लाने में,
कुछ सफल हुए “निर्वीय” तुम्हें
यह राजनीति समझाने में,
इन “आत्मप्रवंचित बौनों” का,
दरबार बना कर क्या पाया?😳https://t.co/mbG1wvgKJ0— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) April 11, 2018
हम शब्द-वंश के हरकारे,सच कहना अपनी परम्परा
हम उस कबीर की पीढ़ी,जो बाबर-अकबर से नहीं डरा
पूजा का दीप नहीं डरता,इन षड्यंत्री आभाओं से
वाणी का मोल नहीं चुकता,अनुदानित राज्य सभाओं से
जिसके विरुद्ध था युद्ध उसे,हथियार बना कर क्या पाया?
जो शिलालेख बनता उसको,अख़बार बना कर क्या पाया?😳👎 https://t.co/koUnDmuiSi— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) April 11, 2018