कांग्रेस में आंतरिक विद्रोह है कि खत्म होने का नाम नही ले रहा है। पार्टी के सीनियर नेता गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल के बाद अब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने भी कांग्रेस आलाकमान पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ये सब कुछ पंजाब में हुए घमासान के बाद शुरू हुआ है। जहां खड़े खड़े पंजाब के मुख्यमंत्री से इस्तीफा ले लिया गया था।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी इस विरोध में उतरने का फैसला लेते हुए अपना पक्ष रखा है और उन्होंने खुलेआम कहा है कि “पंजाब को बेहतर तरह से संभाला जा सकता था”। उन्होंने ये भी कहा है कि “पार्टी को अब परमानेंट अध्यक्ष की सख्त जरूरत है”
हालांकि गौर करने वाली बात ये है कि इतने सीनियर लीडरों के विरोध के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष ने इस मामले पर अभी तक कुछ भी नहीं बोला है।
पूरा मामला ये है।
दरअसल ये सब तब हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री इंडिया टुडे से बात कर रहे थे इंडिया टुडे से बात करते हुए भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा, “पंजाब को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था।” गौर करने वाली बात ये है कि भूपेंद्र हुड्डा भी उसी जी-23 का हिस्सा हैं जिसने पिछले साल कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेटर लिखा था और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग भी की थी।
इसके अलावा भी हुड्डा बोलें और उन्होंने खुलकर कहा कि “पार्टी के सीनियर लीडर कपिल सिब्बल के घर पर पार्टी ही यूथ कार्यकर्ताओं द्वारा इस तरह से विरोध प्रदर्शन करना सही नही है” ये बयान उनका उस घटना पर आया है जो कांग्रेस के सीनियर लीडर कपिल सिब्बल के साथ कुछ दिनों पहले हुए थी। उनके घर पर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं नर प्रदर्शन किया था।
भूपेंद्र हुड्डा के इस तरह के बयान के बाद अब ये तय हो गया है कि कांग्रेस में सब कुछ “ठीक” नही है। इसके आगे भी हुड्डा ने अपनी बात रखी है। वहां आंतरिक कलह न सिर्फ चल रही है बल्कि वो इतनी आगे बढ़ गयी है कि आपस मे एक दूसरे पर सवाल उठाने का सिलसिला लगातार चल रहा है। जहां तक सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर है जल्दी ही कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक भी जल्दी ही बुलाई जा सकती है।
कौन हैं भूपेंद्र हुड्डा जिन्होंने कांग्रेस पर सवाल खड़े कर दिये।
भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस के उन बड़े नेताओं में शुमार हैं जो पार्टी के साथ बरसो से जुड़े हुए हैं। हुड्डा हरियाणा में कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में आते हैं जो कई बार कांग्रेस को वहां जीत का तोहफा दिला चुके हैं और ज़मीन से लेकर विधानसभा तक पार्टी को मजबूती दिलाने का काम भी करते रहे हैं। इसलिए उनकी किसी भी बात को टालना यूँ ही आसान नहीं होगा।
फ़िलहाल हरियाणा विधानसभा में मुख्य विपक्षी नेता के तौर पर स्थापित हुड्डा कई बार कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश के अध्यक्ष भी रहें हैं और हरियाणा में जीत के सूत्रधार भी रहे हैं। कांग्रेस में चल रही उठापठक पर हुड्डा ने अब जो बोला है उस पर विवाद लाज़मी हो गया है अब देखना ये है कि आगे क्या होता है।