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1947 को नेहरू का दिया वो ऐतिहासिक भाषण और 2020 का भारत

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14 अगस्त 1947 को जवाहरलाल नेहरू ने एक ऐतिहासिक भाषण दिया था। जिससे उनकी एक विराट सोच और व्यक्तित्व झलकता है । द गार्डियन ने बीसवीं सदी के सबसे महान भाषणों में नेहरू  का यह भाषण सम्मिलित किया था।
TRYST WITH DESTINY ( नियति से साक्षात्कार)

अपने भाषण में नेहरू ने बहुत कुछ कहा और सब कुछ ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने आजादी की महत्ता बताने के लिए कहा :

“आज रात के समय, जब दुनिया सो रही होगी, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जाग जाएगा। ऐसा क्षण आता है, मगर इतिहास में विरले ही आता है। जब हम पुराने से बाहर निकल नए युग में कदम रखते हैं। जब एक युग समाप्त हो जाता है, जब एके देश की लंबे समय से दबी हुई आत्मा मुक्त होती है। यह संयोग ही है कि इस पवित्र अवसर पर हम भारत और उसके लोगों की सेवा करने के लिए तथा सबसे बढ़कर मानवता की सेवा करने के लिए समर्पित होने की प्रतिज्ञा कर रहे हैं।
आज 2020 जब हमारे देश में लोकतंत्र को आये हुए 73 साल हो गए हैं तब वर्तमान में मौजूद सरकार को अपने ही देश के लोगों क विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह सरकार द्वारा सविंधान की मूल आत्मा के साथ छेड़छाड़ और लोगों से धर्म के आधार पर भेदभाव है।

इसलिए आज जरूरत है सभी को संविधान पढ़ने की और नेहरू के भाषण का यह अंश दोहराने की

“हम एक महान देश के नागरिक हैं और हमें उच्च मानकों पर खरा उतरना है। हम सभी, चाहे हम किसी भी धर्म से संबंधित हो, समान रूप से समान अधिकार, विशेषाधिकार और दायित्व के साथ भारत की संताने हैं । हम संप्रदायिकता या संकीर्णता को प्रोत्साहित नहीं कर सकते हैं। कोई भी ऐसा देश महान नहीं हो सकता , जिसके लोगों की सोच में और कर्म में संकीर्णता हो। हम दुनिया के देशों और लोगों के लिए शुभकामनाएं करते हैं और हम उनके साथ सहयोग करके करने शांति, स्वतंत्रता और लोकतंत्र को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। भारत की प्राचीन, शास्वत और हमेशा नयी स्फूर्ति देने वाली, हमारी अत्यंत प्रिय मातृभूमि को श्रद्धा से नमन करते हैं और हम नए सिरे से इस की सेवा करने का संकल्प लेते हैं। जय हिंद।”

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