भोपाल 4 फरवरी को बरकतुल्लाह यूथ फोरम भोपाल और टीम बीबीएम ने मिलकर भोपाल के आख़िरी नवाब हमीदुल्लाह खान साहब को याद करते हुये ख़िराज ए अक़ीदत पेश की और दुआ ए मगफ़िरत की।
भोपाल के आख़िरी नवाब हमीदुल्लाह खान साहब का इंतकाल 4 फरवरी 1960 को हुआ था नवाब हमीदुल्लाह खान भोपाल रियासत के आखिरी नवाब थे।
इस मौक़े पर बरकतुल्लाह यूथ फोरम भोपाल के कॉर्डीनेटर अनस अली ने नवाब हमीदुल्लाह खान साहब को याद करते हुये कहा नवाब साहब उस दौर में प्रोग्रेसिव विज़नरी सोच रखते थे यही बात उन्हें उस दौर के बड़े लीडरों में शामिल करती थी अनस अली ने कहा लंदन में राउंड टेबल कांफ्रेंस जो उस दौर के सबसे अहम कांफ्रेस में से एक थी जिसमें मुल्क के टॉप लीडर शामिल हुए थे उस कांफ्रेस में नवाब साहब ने राजा रजवाड़ों के नुमाइंदे के तौर पर शरीक हुये थे।
वरिष्ठ पत्रकार सैयद असरार अली ने कहा नवाब हमीदुल्लाह खान साहब की वजह से भोपाल ने तरक्की और राजधानी बना ये उनका कमाल था जबलपुर ग्वालियर जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ भोपाल राजधानी बना वरना भोपाल सीहोर की तरह छोटा शहर रह जाता।
टीम बीबीएम के मैंबर राशिद अली ने कहा हम नवाब हमीदुल्लाह खान साहब के तअवुन पर बात करने की ज़रुरत है उनका भोपाल के लिये किये काम लोगों को याद दिलाना पड़ेगा।
एडवोकेट सैयद अशरफ़ अली ने कहा नवाब हमीदुल्लाह खान साहब की लीडरशिप का कमाल था भोपाल में नफ़रत की फिज़ा नहीं बनी और 1947 के हालात में भोपाल में अमन क़ायम रहा।
वहीं कांग्रेस लीडर आज़म हफीज़ ने कहा- नवाब हमीदुल्लाह खान साहब के खिलाफ़ मनगढ़त प्रोपेगेंडा फैलाया जाता है उनकी छवी को ख़राब करने की कोशिश की जा रही है पर लोग भूल जाते है ये वो नवाब हमीदुल्लाह खान थे जिन्होंने सिंध से आये रिफ्यूजी का इस्तक़बाल किया ना कि विरोध।
आख़िर में टीम बीबीएम के सरबराह शोएब हाशमी ने कहा भोपाल के लोग पहले भी नवाब हमीदुल्लाह खान साहब से उतनी मोहब्बत करते थे जितनी आज करते हैं आपको आज भी मोहल्ले मोहल्ले में उनको याद करने वाले चाहने वाले मिल जाएगें।