मुंबई के बड़े सरकारी अस्पताल में आज एक दिल दहलाने वाली मौत और एक बड़ी लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है. मुंबई के सरकारी नायर अस्पताल में अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से एक 32 साल के युवक की MRI मशीन में फंस कर मौत हो गई.
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुंबई पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ धारा 304 (ए) के तहत मामला दर्ज कर के जांच शुरू कर दी है और तीनों को मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया. सीएम फडणवीस ने भी पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है.
FIR registered against Doctor Siddhant Shah, ward boy Vitthal Chavan & one lady ward attendant Sunita Surve under Section 304 A (causing death by negligence). CCTV footage of the incident has been handed over to the police by hospital authorities. Further investigation underway
— ANI (@ANI) January 28, 2018
अस्पताल के डीन रमेश भालकर ने तो ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मामले की जांच की जा रही है. जिन तीन कर्मचारियों की गलती सामने आई है उन्हें सस्पेंड कर दिया है और आगे की जांच में जो भी आरोपी सामने आएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इस पुरे मामले में मुंबई पुलिस ने वार्ड बॉय विट्ठल चव्हाण, डॉक्टर सिद्धांत शाह और सुनीता सुर्वे के खिलाफ धारा 304 (ए) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. फिहलाल पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर पुछताछ कर रही है.
मुंबई पुलिस इस मामले में अस्पताल में लगे सीसीटीवी को भी खंगाल रही है, ताकी पूरे मामले की सच्चाई की पता लगाया जा सके.
राजेश मारू के जीजा हरीश सोलंकी ने बताया कि ,राजेश ने वॉर्ड बॉय को टोका भी कि कैसे कोई ऑक्सीजन सिलेंडर को MRI सेंटर के अंदर लेकर जा सकता है क्योंकि हाई मैग्नेटिक फील्ड होने के चलते MRI सेंटर में लोहे और स्टील की चीजें प्रतिबंधित होती हैं. लेकिन वार्ड बॉय ने राजेश के कहा कि मशीन फिलहाल बंद है और वह सिलेंडर को अंदर रख दे.
क्या है पूरा मामला ?
मृतक राजोश मारु अपनी बहन की सास से मिलने नायर अस्पताल आया था. उस समय बहन की सास को जांच के लिए MRI सेंटर ले जाया जा रहा था. तभी अस्पताल के एक वार्ड बॉय ने राजेश से मदद मांगी और उससे एमआरआई रूम के बाहर अस्पताल के वार्ड बॉय ने शरीर पर से घड़ी ओर सोने की चैन तो उतरवा ली लेकिन मरीज को दिया जा रहा ऑक्सीजन सिलिंडर अंदर ले जाने को कहा.
लेकिन जैसे ही ऑक्सीजन सिलेंडर लिए राजेश ने एमआरआई सेंटर का दरवाजा खोला मशीन ने सिलेंडर समेत उसे अंदर खींच लिया. इस दौरान सिलेंडर का नॉब खुल गया है और राजेश के शरीर में ऑक्सीजन भर गई. उसका शरीर फूल गया और उसकी आंखें बाहर निकल आईं. इसके बाद उसकी मौत हो गई.
राजेश मारू के जीजा हरीश सोलंकी ने बताया कि उनकी मां की तबियत खराब थी इसलिए नायर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने मां का एमआरआई करवाने के लिए कहा. साथ में राजेश भी था.
घरवाला का आरोप
राजेश के बहनोई हरीश सोलंकी ने आरोप लगाया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की. वहीं उसकी बहन प्रियंका ने बताया कि राजेश की मौत मशीन में ही हो चुकी थी.
राजेश के परिवार वालों में काफी गुस्सा था कि कैसे अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों ने इतनी बड़ी लापरवाही की. वार्डबॉय ने राजेश को ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर जाने को क्यों कहा, अस्पताल के किसी भी स्टाफ ने उसे रोका क्यों नहीं. लोगों में इतना ज्यादा गुस्सा था कि सभी लोग नायर अस्पताल के डीन रमेश भालकर के केबिन में ही धरने पर बैठ गए.