एक और मौत के बाद Kuno National Park में मरने वाले चीतों की संख्या 9 हुई

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मध्य प्रदेश वन विभाग ने 2 अगस्त को सूचित किया है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान ( Kuno National Park ) में एक और चीता की मौत हो गई है, जिसके बाद अब तक मरने वालों की कुल संख्या नौ हो गई है। वन विभाग ने कहा कि मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा, ‘आज सुबह मादा चीतों में से एक धात्री (तिब्लिसी) मृत पाई गई। मौत के कारण का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम किया जा रहा है। वन विभाग के अनुसार, राष्ट्रीय उद्यान में चीता की मौत का यह छठा मामला है।

बयान के अनुसार, कूनो में बोमास में 14 चीतों (सात नर, छह मादा और एक मादा शावक) को रखा गया है, जबकि एक मादा चीता खुले में है और एक टीम द्वारा गहन निगरानी की जा रही है। उसे स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बोमास वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में विलुप्त हो रहे चीतों को पुनर्जीवित करने के प्रयास के तहत पिछले साल 5 सितंबर को अपने जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया से लाए गए आठ चीतों (3 मादा और 17 नर) को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ दिया था। इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे।

इससे पहले 1 अगस्त को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उन्होंने चीता परिचय के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान में संभावित स्थलों की पहचान की है। एनटीसीए ने शीर्ष अदालत को आगे बताया था कि मृत्यु दर की घटनाओं का अंतिम निदान प्राकृतिक कारणों की ओर इशारा करता है और उनमें से किसी की भी मौत अप्राकृतिक कारणों जैसे अवैध शिकार, स्नेरिंग, जहर, सड़क पर टकराने, करंट लगने आदि के कारण नहीं हुई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केएनपी में चीतों की मौत पर अपनी चिंता व्यक्त की थी और केंद्र से इस बारे में कुछ सकारात्मक कदम उठाने के लिए कहा था।

मध्य प्रदेश वन विभाग हाई अलर्ट पर है और पिछले कुछ महीनों में चीतों की मौत के बाद चीता के स्वास्थ्य की स्थिति की गंभीरता से निगरानी कर रहा है। आज की मौत को छोड़कर, इस साल मार्च से श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में पांच वयस्क चीता और तीन शावकों की मौत हो चुकी है।

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