विरोध और सपोर्ट के बीच “बेशर्म रंग”

Share

शाहरुख खान की आगामी फ़िल्म पठान जोकि एक रॉ एजेंट पर आधारित एक एक्शन फ़िल्म है, उसके रिलीज़ के पहले ही उसके एक गाने पर ज़बरदस्त विवाद छिड़ा है। दरअसल पठान का एक गाना जिसका नाम है बेशर्म रंग रिलीज़ हुआ । रिलीज़ होते ही इस गाने ने धूम मचा दी है।  गाना यूट्यूब पर टॉप ट्रेंड कर रहा है। पर गाना चर्चा में कुछ और वजह से है।

दरअसल कई हिन्दू संगठनों का मानना है कि गाने का नाम बेशर्म रंग रखा गया है और गाने के पोस्टर में दीपिका पादुकोण नारंगी रंग कि बिकीनी पहनी हुई हैं, ऐसे में ये भगवा का अपमान है। गाने का विरोध करने वालों की माने तो गाने का नाम बेशर्म रंग दरअसल में भगवा का अपमान करने के लिए रखा गया है। जबकि जब गाने को देखा जाए तो गाने के अंदर मात्र 10 से 15 सेकंड के लिए दीपिका पादुकोण नारंगी रंग की बिकीनी में नजर आ रही हैं। वहीं कुछ लोग गाने को अश्लील बताकर उसका विरोध करते नजर आ रहे हैं।

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जब इस गाने के विरुद्ध आकर बयान दिया तो उसके बाद मध्यप्रदेश के अलग अलग दक्षिणपंथी समूहों के द्वारा विरोध कि खबर सुनाई देने लगी। बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के द्वारा Shahrukh khan की फ़िल्म पठान को मध्यप्रदेश में रिलीज़ न होने देने कि बात कही गई।

संघ समर्थित मौलाना के संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी ने भी दिया शाहरुख को अल्टिमेटम

इस बीच एक मुस्लिम संगठन का नाम सामने आया, जिसने शाहरुख खान की फ़िल्म पठान को भगवा और हिन्दू विरोधी बताते हुए धमकी दी है। मध्यप्रदेश उलेमा बोर्ड ने कहा कि राज्य में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देंगे, यह अश्लीलता को बढ़ावा दे रही है, वहीं आल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी (एआइएनपीसी) ने भी विरोध जताया है।

आल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के अध्यक्ष पीर ज़ादा खुर्रम मियां चिश्ती ने कहा कि 1 दिन में देश के अलग-अलग शहरों से 400 से अधिक फोन आए सभी ने पठान फिल्म को मुस्लिमों के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्म को बदनाम करने वाली फिल्मों का हम विरोध करते हैं। फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगुभाई पटेल को ज्ञापन देकर मांग करेंगे।

बरकतुल्लाह यूथ फोरम के अनस अली ने मुस्लिम संगठनों के विरोध को बताया राजनीति से प्रेरित

भोपाल के इतिहास और हेरिटेज को लेकर काम करने वाले संगठन बरकतुल्लाह यूथ फोरम के अनस अली ने कहा कि यह संगठन जो मुस्लिम त्योहार के नाम पर बना है, इसे सिर्फ त्योहारों पर ध्यान देना चाहिए। आजकल यह लोग बेवजह के मुद्दों में बयानबाजी करके उन्हे राजनीतिक रंग दे रहे हैं। पहले तो ये लोग सारे मुस्लिमों का नेतृत्व नहीं करते, फिर ये लोग अक्सर बेवजह के मुद्दों में कूदकर बयानबाजी करते हैं।

अनस अली ने ट्वीट किया – बतौर ज़िम्मेदार शहरी भोपाल मैं इन मुसलिम संगठन की मांग को ख़ारिज करता हूँ। मुसलमानों के ये मसले नहीं है और फिल्म के बैन को आम मुसलमान तरजीह नहीं देता उनकी अपनी परेशानियां है। इन संगठनों के नाम अलग अलग है पर चलाने वाले एक हैं।

कुछ मामलों में विरोध करने के और भी तरीके होते हैं, मीडिया में आकर यूं बयानबाज़ी करना सही नहीं है। सोशलमीडिया में लोग एक बयान के कई मतलब निकाल लेते हैं। ऐसे में न जाने इनके एक बयान के लोग कैसे कैसे मतलब निकाल लें। गाने का विरोध नग्नता के नाम पर कम, बल्कि शाहरुख खान के नाम पर ज़्यादा हो रहा है। इससे पहले कई ज़्यादा नग्नता से भरी फिल्में आई हैं, क्या इन लोगों ने जो खुदकों मुस्लिमों के नुमाइंदे के तौर पर पेश कर रहे हैं , उनका विरोध किया।

दक्षिणपंथी प्रोपेगेंडा को वैधता प्रदान करने का काम करती है आल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी  – अनस अली

सब जानते हैं कि लव जिहाद एक झूठा प्रोपेगेंडा था, एक ऐसा झूठ जोकि लवमैरिज करने वाले ऐसे जोड़ों को टारगेट करता था जिसमें लड़का मुस्लिम हो। ऐसे मामलों को इस्लाम से जोड़कर पेश करने का काम कुछ नफरती तत्वों के द्वारा किया गया। आल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के पीरजादा खुर्रम मियां चिश्ती ने यह आह्वान किया था कि कोई भी काजी लव जेहाद वाले निकाह न पढ़ाए। अब जब हमारा मानना है कि यह एक प्रोपेगेंडा है, पूरी मुस्लिम कम्युनिटी में लव जेहाद जैसी किसी चीज़ का आस्तित्व ही नहीं तो इन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया था। इनके ऐसे बयान दरअसल हर प्रोपेगेंडा को वैधता प्रदान करने का काम करते हैं।