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पदमावत से हटाये गए बैन को करणी सेना डबल बेंच में देगी चुनौती

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संजय लीला भंसाली को  सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने मूवी पद्मावत की रिलीज को हरी झंडी दे दी है.इसी के साथ विभिन्न राज्यों के ‘पद्मावत’ पर लगाया गया बैन भी हटा दिया गया है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा ने कहा कि जब बैंडिट क्वीन रिलीज हो सकती है तो ये फिल्‍म क्यों रिलीज नहीं हो सकती. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह की ‘पद्मावत’ अब पूरे देश में एक साथ रिलीज होगी.इसकी स्क्रीनिंग देशभर में अब 25 जनवरी को होगी.
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत तीन भाषाओं तमिल, तेलुगु और हिंदी में रिलीज होगी. सेंसर ने पांच मॉडिफिकेशन के साथ फिल्म को U/A सर्टिफिकेट दिया है.  इस सर्टिफिकेट वाली फ़िल्में नाबालिग बच्चों को अकेले देखने की अनुमति नहीं है. यह देश की पहली ऐसी हिंदी फिल्म होगी जो IMAX 3D हिंदी में रिलीज होगी.
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात सरकार ने ‘पद्मावत’ फिल्म को अपने राज्यों में रिलीज़ पर बैन लगाया था. इस बैन के खिलाफ फिल्म के प्रोड्यूसर्स ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की थी जिसमें उन्होंने  इस बैन को गैरकानूनी बताया था.गुरुवार को इस पर सुनवाई करते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने इन राज्यों के नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. इस बीच राजस्थान में फिल्म के प्रदर्शन को लेकर सड़क पर विरोध किया जा रहा है. करणी सेना ने फिल्म दिखाने वाले सिनेमाघरों को जलाने की धमकी दी है.
राजस्थान में आपात बैठक
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने आपात बैठक बुलाई. मीटिंग के दौरान पद्मावत पर सरकार के अगले कदम पर विचार किया गया. राजस्थान पहला राज्य है जिसने फिल्म के खिलाफ नोटिफिकेशन जारी किया था.
सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजस्थान सरकार ने कहा है कि हमारे पास भी कुछ संवैधानिक अधिकार हैं. गुरुवार को राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हम अफसरों के साथ बातचीत कर रहे हैं. जल्द ही इस बारे में हम कोई फैसला लेंगे.
हमारी अनुमति से चलेगी फिल्म, फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी जाएगी : करणी सेना
इस बीच, करणी सेना के चीफ लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट फिल्म पर लगे बैन को हटा सकती है लेकिन सिनेमा हॉल मालिक हमसे पूछकर ही फिल्म चलाएंगे. कलवी ने दावा किया कि उनके पास राजस्थान के सिनेमा हॉल मालिकों का लिखित पत्र है जिसमें उन्होंने भरोसा दिलाया था कि कऱणी सेना की अनुमति से ही फिल्म पद्मावत चलाएंगे. कलवी ने यह भी दावा किया कि  हर हाल में पद्मावत की स्क्रीनिंग रोकी जाएगी. वहीँ, राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा कि  सुप्रीम कोर्ट के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी जाएगी. इसके लिए करणी सेना के वकील सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे. हमारे प्रतिनिधि राष्ट्रपति से भी मिलकर फिल्म पर बैन लगाने की मांग करेंगे.
पार्टियों के प्रवक्ताओं को बोलने से मना किया
मीडिया सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं को कुछ भी बोलने से मना किया है. फिल्म को लेकर कांग्रेस में अलग-अलग राय देखी गई है. पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे नेताओं ने पद्मावत में ऐतिहासिक छेड़छाड़ पर फिल्म का प्रदर्शन रोकने की बात कही थी. वहीं कई नेताओं ने फिल्म का समर्थन किया था. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसी तरह के विवाद से बचने के लिए कांग्रेस की ओर से प्रवक्ताओं को कोई टिप्पणी करने से मना किया है.
श्रीश्री रविशंकर ने पद्मावत का किया  सपोर्ट
विवादों में बनी फिल्म पद्मावत के निर्माताओं की ओर से आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रवि शंकर के लिए बेंगलुरू में फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग की खबरें हैं. आर्ट ऑफ लिविंग सेंटर में फिल्म देखने के बाद श्रीश्री रवि शंकर ने कहा, यह अद्भुत है. इस पर हमें गर्व है. उन्होंने कहा, ‘यह रानी पद्मिनी का सम्मान है. पूरी फिल्म में ऐसी कोई बात नहीं है, जिस पर आपत्त‍ि जताई जाए. मुझे इस बात पर हैरानी है कि कुछ लोग इस फिल्म का विरोध कर रहें हैं.’ श्रीश्री ने यह भी कहा, फिल्म को लेकर अब तक जो विवाद हुआ वह बेवजह है. यह फिल्म रानी पद्म‍िनी को सच्ची श्रद्धांजलि और राजपूतों के सम्मान की गौरव गाथा है.
सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की प्रमुख बातें

  • चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया दीपक मिश्रा ने कहा कि जब बैंडिट क्वीन रिलीज हो सकती है तो पद्मावत फिल्म क्यों रिलीज नहीं हो सकती. जब संसद ने वैधानिक तौर पर सेंसर बोर्ड को जिम्मेदारी दी है और बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट दिया है तो कानून व्यवस्था का हवाला देकर राज्य कैसे फिल्म पर बैन लगा सकते हैं.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिल्म चाहे बॉक्स ऑफिस पर बम साबित हो या लोग तय करें कि वो इसे नहीं देखेंगे लेकिन राज्य अपनी मशीनरी को इस तरह फिल्म का रिलीज पर रोक लगाने के लिए नहीं कर सकता.कोर्ट ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्यों की है.
  • सुप्रीम कोर्ट में फिल्म निर्माता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अभिव्यक्ति की आज़ादी की दुहाई देते हुए कहा कि किसी दिन मैं दलील भी दूं कि कलाकारो को इतिहास से छेड़छाड़ का हक भी है.
  • हरियाणा सरकार की तरफ से पेश हुए ASG तुषार मेहता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि नहीं. ऐसा अनुचित होगा. आप इसकी आड़ में महात्मा गांधी को व्हिस्की के घूंट भरते हुए नहीं दिखा सकते.
  • गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने बाकी राज्यों से कहा है कि वे इस तरह बैन के आदेश जारी न करें. निर्माता और फिल्म स्टारों को सुरक्षा दी जाए.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट जारी किया तो बैन करने का राज्यों को कोई अधिकार नहीं और इस मामले में चारों राज्‍यों को नोटिस जारी किया है. इस मामले में अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी.
  • वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि कानून व्यस्था को लेकर फिल्म की रिलीज रोकना ये कोई आधार नहीं हो सकता. सेंसर बोर्ड ने देशभर में फिल्म के प्रदर्शन के लिए सर्टिफिकेट दिया है. ऐसे में राज्यों का पाबन्दी लगाना सिनेमेटोग्राफी एक्ट के तहत संघीय ढांचे को तबाह करना है.
  • हरीश साल्‍वे ने कहा कि राज्यों को ऐसा कोई हक नहीं है और ये अधिकार केंद्र का है. लॉ एंड आर्डर की आड़ में राजनीतिक नफा नुकसान का खेल हो रहा है. फ़िल्म के जारी होने से पहले ही पाबन्दी का ऐलान करना गलत है.
  • गुजरात और हरियाणा सरकार की तरफ से पेश हुए ASG तुषार मेहता ने कहा कि मामले की सुनवाई सोमवार तक टाली जाए. उन्‍होंने कहा कि उन्हें राज्य सरकारों की तरफ से इस मामले में जवाब दाखिल करने है और याचिका की एडवांस कॉपी उन्हें नहीं दी गई है.

कुछ ही दिन पहले सेंसर ने फिल्म की सर्टिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने की जानकारी दी थी. सेंसर ने इसके लिए कमेटी गठित की थी. कमेटी की सिफारिशों के बाद निर्माताओं के साथ एक मीटिंग में फिल्म में 5 जरूरी बदलाव सुझाए गए थे. ये बदलाव उन बिंदुओं पर हैं जिन्हें लेकर पिछले कई महीनों से दीपिका की फिल्म पद्मावत का विरोध किया जा रहा है. सेंसर ने फिल्म को U/A सर्टिफिकेट दिया है.
पद्मावत के निर्माता देशभर के सिनेमाघरों में 24 जनवरी को इसका पेड प्रीव्यू रखेंगे. ‘पद्मावत’ के डिस्ट्रीब्यूटर्स 24 जनवरी की रात 9.30 बजे स्क्रीन होने वाले शोज का भुगतान करके उसकी जगह ‘पद्मावत’ को स्क्रीन करेंगे. फिल्म एक्सपर्ट की राय में ऐसा करने से ‘पद्मावत’ के मेकर्स को फिल्म को लेकर चल रही अफवाह को गलत साबित करने का मौका मिलेगा. साथ ही, फिल्म देखने के बाद लोगों की पॉजिटिव रिस्पोंस फिल्म के लिए फायदेमंद होगा.