कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान साम्प्रदायिक हिंसा हुई और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें चन्दन गुप्ता नाम के शख्स की मौत हो गयी और अन्य नौशाद नाम का शख्स घायल हुआ है. यह पूर्णत: लॉ एंड आर्डर का मसला है.
जानिए इस घटना पर क्या कहते है वरिष्ठ पत्रकार
एबीपी न्यूज़ के वरिष्ठ पत्रकार अभिशार शर्मा लिखते है कि ”कासगंज मे भड़की हिंसा के बाद , फिर “हमारे-तुम्हारे” का खेल शुरू कर दिया है राजनीतिक रहनुमाओं ने … सुना है 2019 मे चुनाव होने वाले हैं”
कासगंज मे भड़की हिंसा के बाद , फिर "हमारे-तुम्हारे" का खेल शुरू कर दिया है राजनीतिक रहनुमाओं ने … सुना है 2019 मे चुनाव होने वाले हैं ….
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) January 27, 2018
न्यूज़ 24 की पत्रकार साक्षी जोशी लिखती है कि ”कासगंज जल रहा है और बीजेपी सांसद राजवीर सिंह लोगों के बीच पहुँचकर भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। योगी जी कृपया आप इन्हें वहाँ से वापस बुलाएँ। पहली बार देखा है जिस पार्टी की सरकार है उसी पार्टी के सांसद जाकर भीड़ को और भड़का रहे हैं”
#कासगंज जल रहा है और बीजेपी सांसद राजवीर सिंह लोगों के बीच पहुँचकर भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। @myogiadityanath कृपया आप इन्हें वहाँ से वापस बुलाएँ। पहली बार देखा है जिस पार्टी की सरकार है उसी पार्टी के सांसद जाकर भीड़ को और भड़का रहे हैं
— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) January 27, 2018
एबीपी न्यूज़ के पत्रकार पंकज झा ने ट्वीटर पर लिखा कि ”आपसे गुज़ारिश है संयम से काम लें। किसी का घर, दुकान और मकान जलाने से क्या मिलेगा। आइये हम सब मिल कर कासगंज में शांति के लिए प्रार्थना करें”
आपसे गुज़ारिश है संयम से काम लें। किसी का घर, दुकान और मकान जलाने से क्या मिलेगा। आइये हम सब मिल कर #कासगंज में शांति के लिए प्रार्थना करें pic.twitter.com/UEmQST5xSO
— पंकज झा (@pankajjha_) January 27, 2018
पत्रकार समीर अब्बास लिखते है कि ”Kasganj की घटना के बाद साम्प्रदायिकता फैलाने वाली ख़बरों और अफ़वाह से बच कर रहिए। सिर्फ़ Uppolice और UPGovt की तरफ़ से दी जा रही आधिकारिक ख़बरों पर ही भरोसा करें। क्यूँकि पत्रकारों की जमात में शामिल कुछ लोग TV पर अपनी ज़िम्मेदारी को ताक़ पर रख दंगाइयों की तरह बात कर रहे हैं.”
#Kasganj की घटना के बाद साम्प्रदायिकता फैलाने वाली ख़बरों और अफ़वाह से बच कर रहिए। सिर्फ़ @Uppolice और @UPGovt की तरफ़ से दी जा रही आधिकारिक ख़बरों पर ही भरोसा करें। क्यूँकि पत्रकारों की जमात में शामिल कुछ लोग TV पर अपनी ज़िम्मेदारी को ताक़ पर रख दंगाइयों की तरह बात कर रहे हैं ।
— Samir Abbas (@TheSamirAbbas) January 27, 2018