0

जारी हुआ "सुपर 30" का फर्स्ट लुक

Share

देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी में जाने का सपना हर इंजीनियरिंग स्टूडेंट का होता है लेकिन मंजिल तक पहुंचना इतना आसान नहीं होता, कई बार गरीबी इनके आड़े आ जाती है. ऐसे में बिहार के आनंद कुमार का सुपर 30 कोचिंग संस्थान देश का ऐसा संस्थान है जो मुफ्त में गरीब बच्चों के सपनों को पूरा करने में मदद करता है.
अभ‍िनेता ऋतिक रोशन की आने वाली फिल्म ‘सुपर 30’ का फर्स्‍ट लुक सामने आया है. लुक में ऋतिक आनंद कुमार से म‍िलते जुलते नजर आ रहे हैं. रिलायंस एंटरटेनमेंट और फैंटम फिल्म्स द्वारा निर्मित ‘सुपर 30’ विकास बहल द्वारा निर्देशित है.

ऋतिक रोशन द्वारा अभिनीत यह फिल्म 25 जनवरी, 2019 को  को नज़दीकी सिनेमाघरों में दस्तक देगी. ऋतिक रोशन ने खुद ट्वीट कर अपना लुक फैंस के साथ साझा किया है.ऋतिक इस फ‍िल्‍म की शूटिंग के लिए वाराणसी पहुंच चुके हैं. ये ऐक्टर्स फिल्म ‘सुपर 30’ की शूटिंग के लिए यहां आए हैं.
First Look: Hrithik Roshan As Super 30's Anand Kumar. Twitter Is Impressed
यह फिल्म पटना के ‘सुपर 30’ कोचिंग के संस्थापक आनंद कुमार पर बन रही बायॉपिक है. इस वजह से फिल्म में आनंद कुमार के संघर्ष के दिनों के साथ ही रामानुजम अवॉर्ड और अब्दुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार मिलने तक का सफर दिखाया जाएगा.

बता दें कि ‘सुपर 30’ को ‘क्वीन’ फेम डायरेक्टर विकास बहल कर रहे हैं. वाराणसी में इस फिल्म की ज्यादातर शूटिंग रामनगर फोर्ट में होगी. हालांकि फिल्म के मेकर्स इस फिल्म की शूटिंग बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में करना चाहते थे लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी है.

जानें कौन हैं आनंद कुमार
बिहार के पटना से ताल्लुक रखने वाले आनंद कुमार के पिता पोस्टल डिपार्टमेंट में क्लर्क की नौकरी करते थे. घर की माली हालत अच्छी न होने की वजह से उनकी पढ़ाई हिंदी मीडियम सरकारी स्कूल में हुई जहां गणित के लिए लगाव हुआ था.यहां उन्होंने खुद से मैथ्स के नए फॉर्मुले ईजाद किए.

ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने नंबर थ्योरी में पेपर सब्मिट किए जो मैथेमेटिकल स्पेक्ट्रम और मैथेमेटिकल गैजेट में पब्लिश हुए. इसके बाद आनंद कुमार को प्रख्यात कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से एडमीशन के लिए बुलाया गया लेकिन पिता की मृत्यु और तंग आर्थिक हालत के चलते उनका सपना साकार नहीं हो सका.

पिता के जाने के बाद सारा दारोमदार आनंद पर ही था. उस दौरान उन्होंने रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमैटिक्स नाम का एक क्लब खोला था. यहां वे अपने प्रोफेसर की मदद से मैथ के छात्रों को ट्रेनिंग दिलाते थे और एक भी पैसा नहीं लेते थे. दिन में वह क्लब में पढ़ाते और शाम को अपनी मां के साथ पापड़ बेचा करते थे.

आनंद जब रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमैटिक्स में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराना शुरू कर दिया था. दो बच्चों से अब वहां आने वले स्टूडेंट्स की संख्या 500 तक हो गई थी. एक दिन एक लड़के ने आनंद से कहा कि सर हम गरीब हैं अगर हमारे पास फीस ही नहीं है तो देश के अच्छे कॉलेजों में पढ़ सकते हैं और तब जाकर 2002 में आनंद ने सुपर 30 की नींव रखीं.

ऐसे बनते हैं इंजीनियर
इस कोचिंग में हर साल परीक्षा के जरिए 30 बच्चों का चयन किया जाता है और रहने, खाने-पीने के साथ किताबें भी निशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं. 15 साल में अब तक उनकी संस्था से 396 बच्चे आईआईटी में पहुंच चुके हैं

डिस्कवरी बना चुका है डॉक्युमेंट्री
डिस्कवरी चैनल ने आनंद कुमार पर एक डाक्यूमेंट्री भी बनाई है. अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स में भी इनकी बायोग्राफी प्रकाशित हो चुकी है. आनंद कुमार को प्रो यशवंतराव केलकर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका हैं.आनंद कुमार को बिहार गवर्नमेंट ने अब्दुल कलाम आजाद शिक्षा अवार्ड से भी नवाजा है.

Exit mobile version