दिल्ली में कल (3 अगस्त 2021)को गर्मी अचानक से बढ़ गयी,नहीं नहीं मौसम की गर्मी नहीं वो तो है ही, यहां सियासी गर्मी की बात हो रही है। असल मे हुआ ये है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा सांसद राहुल गांधी एक साथ 15 दलों के नेताओं के साथ कांस्टीट्यूशन क्लब में नाश्ते पर मौजूद रहे,बस फिर क्या था हर जगह यही खबर और इसके फोटोज़ वायरल होना शुरू हो गए।
भाजपा की सरकार की नीतियों के खिलाफ हुई इस मीटिंग में देश के तमाम बड़े दलों के नेता मौजूद रहें। इसमें शिवसेना,सपा,एनसीपी, कम्युनिस्ट पार्टी से लेकर टीएमसी समेत 15 दलों के सांसद मौजूद थे। ये खास मीटिंग राहुल गांधी के न्यौते लर आयोजित हुई थी।
ना हमारे चेहरे ज़रूरी हैं, ना हमारे नाम। बस ये ज़रूरी है कि हम जन प्रतिनिधि हैं- हर एक चेहरे में देश की जनता के करोड़ों चेहरे हैं जो महंगाई से परेशान हैं।
यही हैं अच्छे दिन? pic.twitter.com/3V4phAKFZW
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 3, 2021
हालांकि ये भी सोचना वाली बात है कि “आप” ,बसपा और शिरोमणि अकाली दल इस मीटिंग से नदारद क्यों रहें। इसी वजह से विपक्षी एकता पर सवाल भी उठें।
क्यों हुई ये नाश्ते पर मुलाक़ात?
दरअसल ये पूरी तैयारी चल रहे संसद सत्र की थी,जिसमे भाजपा की सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की तैयारी की जा रही थी। इस मेल मिलाप कार्यक्रम में पेगासस का मुद्दा और बढ़ते हुए पेट्रोल के दामों पर सरकार को चौतरफा घेरने की तैयारी की गई है।
क्योंकि केंद्र सरकार की बढ़े हुए पेट्रोल के दाम पर बहुत किरकिरी हो रही है,सोशल मीडिया पर कई बार सरकार द्वारा लगातार पेट्रोल के बढ़ते हुए दामों के खिलाफ लोगों ने अपना आक्रोश दिखाया भी था।
राहुल गांधी अपना कद बढ़ा रहे हैं
राहुल गांधी ने इस मीटिंग के फोटोज को शेयर करते हुए जो लिखा है वो पढा जाना बहुत जरूरी है क्योंकि एक लाईन ही में वो सब कुछ बयान कर दे रहे हैं और अपनी महत्वता बढ़ा रहे हैं और गौर करने वाली बात ये है कि उन्होंने ही इस विपक्षी एकता के कार्यक्रम को लीड भी किया है।
यहीं से बहुत कुछ सामने आया भी है,असल मे बहुत से सवालों के भी यहां इस ब्रेकफास्ट मीटिंग में जवाब सामने आ गए। पहला ये की एक वक्त में भाजपा की खास रही शिवसेना बहुत मज़बूती के साथ कांग्रेस के साथ और भाजपा के खिलाफ खड़ी हुई है ये बहुत बड़ा पैग़ाम है।
वहीं दूसरी तरफ नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसा दल जो कश्मीर जैसे मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ खड़ा रहा है और अपना विरोध दर्ज करा रहा था अब वो कांग्रेस के साथ खड़े हो कर विपक्ष के और नेताओं और दलों के लिए मिसाल पेश कर रही है।
तीसरा ये की राहुल गांधी खुद की मज़बूत हो कर पेश कर रहे हैं,ये बहुत बड़ा संकेत है । इसकी असलियत और थोड़े दिनों में नज़र भी आएगी जब पांच राज्यों के चुनाव होंगें। क्यूंकि ये चुनाव भाजपा की केंद्र सरकार के लिए अहम परीक्षा की तरह होंगें ।
और फिर सोने पर सुहागा
इस तत्काल मीटिंग में सभी बड़े नेताओं ने जमा हो कर भाजपा की केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ माहौल बनाया गया । और भविष्य की रणनीति तो बनाई ही इसके साथ साथ एक और बड़ा काम विपक्ष के तौर पर राहुल गांधी ने करके दिखाया वो थी साइकिल रैली।
जी हां पेट्रोल के दामों की बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए राहुल गांधी ने इस बार संसद तक का सफर साइकिल से तय किया और अलग तरह का असरदार माहौल बनाया जो सरकार के मुख्य विपक्षी दल को बनाये भी रखना चाहिए।
वैसे ही कुछ दिनों से ठप्प पड़ी संसद और अब ये मेल मिलाप कार्यक्रम ने ये तय कर दिया है कि सरकार को घेरे जाने का कोई भी मुद्दा विपक्ष छोड़ने के लिए रेडी नहीं है। मौका कुछ भी हो सरकार को पूर्ण रूप से घेरे जाने की तैयारी की जा रही है।