भारत का “गेम ऑफ थ्रोन्स” कहा जाने वाला “एम्पायर” आने वाला है।

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इस समय दुनिया मे दो तरह के लोगों का विभाजन है, पहले जिन्होंने गेम ऑफ थ्रोन्स देखा है, दूसरे वो हैं जिन्होंने ये नहीं देखा है। इसलिए आप सभी से रिक्वेस्ट है इसे देख लीजिए। आपको बहुत फायदे होंगें।

बात शुरू करते हैं, भारत मे फिल्में बनाने को लेकर कुछ अलग तरह का ट्रेंड है वो है एक सी फ़िल्म बनाने का यानी “बायोग्राफी” बनेगी तो बस वही बनती रहेगी, या लव स्टोरी बनेगी तो उसी के पीछे सब पड़ जायेंगे।

अगर कोई “स्टार” स्पाई यानी जासूस बनेगा तो लाइन लग जायेगी लंबी, लेकिन हॉलीवुड की फिल्मों के शौकीन भारतीयों की एक शिकायत रहती है कि “हिस्टोरिकल” टॉपिक पर फिल्में क्यों नहीं बनती है?

ये शिकायत आशुतोष गोवारिकर ने दूर करने की कोशिश की हैं, “जोधा अकबर” और “मोहन जोदाड़ो” जैसी फिल्में बना कर,और उनका थोड़ा सा हाथ संजय लीला भंसाली ने भी बंटाने की कोशिश की है। मगर 2 से ढाई घण्टों में कितना दिखा सकते हैं?

लेकिन अब ओटीटी प्लेटफार्म ने ये टेंशन खत्म कर दी है, और “डिज़्नी प्लस हॉटस्टार” ने ये मौका कैच करते हुए भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे रोमांचक मुद्दे पर “एम्पायर” बना कर सामने ला दिया है। कैसी है ये वेब सीरीज़ और आखिर इतने बड़े टॉपिक पर एक वेब सीरीज़ बनाने का आधार क्या है? इसे समझ लेते हैं।

“एम्पायर” मुग़ल साम्राज्य की बुनियाद से लेकर अंत तक की कहानी है

मुग़ल साम्राज्य की स्थापना भारत मे 1526 में हुई थी जब बाबर ने हिंदुस्तान के आखिरी “सुल्तान” इब्राहिम लोधी को हरा कर दिल्ली की गद्दी संभाली थी। और इस सल्तनत का महत्व बादशाह औरंगजेब की 1707 में हुई मृत्यु के बाद ख़त्म हो जाता है। इसी कहानी को अलग अलग सीज़न में दिखाए जाने का “एम्पायर” को लेकर प्लान किया गया है।

ट्रेलर में जिस तरह से बादशाह बाबर बनने की कहानी और इब्राहिम लोधी की जंग के हिस्सों को दिखाया जा रहा है वो ये दिखाने के लिए काफी है कि फ़िल्म में वीएफएक्स से लेकर स्पेशल इफेक्ट्स को ज़रूरत के मुताबिक इस्तेमाल किया गया है।

वहीं ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक देखें, बाबर जैसे शख्स के बारे में ऐसा दिखाया जाना जरूरी भी हो जाता है। क्यूंकि 1526 में पानीपत की पहली जंग से पहले बाबर जो कमज़ोर और हारा हुआ सा नज़र आ रहा था। यहां तक कि उसे फ़रगना अपने गृह क्षेत्र तक मे हार मिली थी, उसने दिल्ली की गद्दी न सिर्फ जीती बल्कि वहां एक साम्राज्य स्थापित करके दिखाया था।

अब जब इस हालात और ऐतिहासिक दृश्य को फिल्माया जाएगा, तो उसे खास तरह से दिखाना आवश्यक हो जाता है। इसलिए ट्रेलर में दिखाया गया एक एक दृश्य अपने आप मे वो कहानियां बयान कर रहा है जो इतिहास किताबों में अलग-अलग तरह से दर्ज की गई हैं।

अब कहानी पर आ जाते हैं

इस वेब सीरीज़ की कहानी एलेक्स रूथरफोर्ड के नॉवेल्स “मोगुल” से ली गई है,और फ़िल्म के हिसाब से उसे लिखा गया है। इस नॉवल की लेखिका भारत मे रिसर्च करने आई थी ताज महल पर। लेकिन इतिहास में ऐसा खोयी कि पढ़ते-पढ़ते उन्हें यहां के इतिहास से मोहब्बत हो गयी।

इसी मोहब्बत में उन्होंने के 7 नॉवल लिखे हैं, जिनको ध्यान में रखते हुए एम्पायर वेब सीरीज़ आ रही है। वैसे तो अभी तक इतने लंबे समय तक या इतने सीज़न में कोई भी फ़िल्म या कहानी बॉलीवुड में आई नही है। अगर ये सीरीज़ 7 सीज़न में आती है तो ये भी अपने आप मे एक रिकॉर्ड होने वाला है।

वेब सीरीज़ का सीजन वन का ट्रेलर हो रहा है वायरल

व्हाट्सएप पर सुबह सुबह 7 बजे आये फोरवर्डेड मेसेज की दुनिया मे रहने वाले लोग भी हिस्टोरिकल टॉपिक पर बनी फिल्मों को लेकर काफी उत्साहित हैं। एम्पायर के ट्रेलर को साढ़े 11 लाख लोगों ने सिर्फ 12 घण्टे में ही देख लिया है। और अभी तो ये गिनती और बढ़ेगी ही,इसका मतलब है मज़ेदार होने वाला है सब कुछ।

कौन कौन है इस सीजन में?

“बाबर” का किरदार निभाने वाले बने हैं कुणाल कपूर जो रंग दे बसंती में “अशफ़ाक़ुल्ला” खान बन चुके हैं, शैबानी खान का किरदार डिनो मोरिया निभा रहे हैं हीरो और विलेन दोनों ही इस रॉल में जबरदस्त लग रहे हैं।

वहीं “खानजादा” यानी बाबर की बहन दृष्टि धामी कर रही हैं, जिनका एक सीन काफी विवाद पैदा कर सकता है, इसके अलावा शबाना आज़मी का किरदार बहुत भारी भरकम है। क्योंकी वो यहां किंगमेकर हैं। सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला चेहरा है राहुल देव, जो बढ़ी हुई दाढ़ी में क्रांतिकारी डायलॉग बोलते हुए नज़र आ रहे हैं।

ट्रेलर में बाबर बने कुणाल जम रहे हैं, और अभी तक तो बाबर के किरदार के साथ इंसाफ करते हुए दिख रहे हैं। क्योंकि ज़बरदस्त ग्राफिक और वीएफएक्स के इस्तेमाल से बनी हुई ये वेब सीरीज़ किस तरह फिल्माई गई है, इस पर भी टिकी है कि कहानी को किस तरह से दिखाया गया है।

बाकी बात तो 27 अगस्त को पता चल ही जायेगा,जब तक इंतज़ार करते रहिये। क्यूंकि वूट+हॉटस्टार ने मिल कर बहुत शानदार पैकेज तैयार किया है और इसका आधार भी मज़बूत है। बस अब ये देखते हैं कि कितना अच्छा बन पाया है।